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भारतीय संस्कृति में प्रेम एक आदर्श है, यहां सासों के साथ ही ब्रेकअप होता है- सुधांशु त्रिवेदी

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नई दिल्ली/लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः हंसराज कॉलेज के सभागार में हिंदी साहित्य भारती के तत्वधान में आयोजित तीन दिवसीय उपवेशन कार्यक्रम के दूसरे दिन भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि शून्य गणित में एक अंक मात्र है जबकि वही शून्य साहित्य में अनुभूति का विषय है।
आज हिंदी साहित्य भारती के उपवेशन कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ लता चैहान तथा डॉक्टर सुनीता मंडल एवं अन्य सहयोगियों द्वारा सरस्वती वंदना, ध्येय गीत एवं संकल्प गीत तथा अतिथियों के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया गया। विदित है कि हिंदी साहित्य भारती द्वारा हंसराज कॉलेज दिल्ली के सभागार में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय उपवेशन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। आयोजन के दूसरे दिन आज 9 मार्च को प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि की हैसियत से बोलते हुए राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हिंदी भाषा हो अथवा कोई अन्य भाषा, भाषा मन के भावों को प्रकट करती है। हिंदी भाषा का यह वैशिष्ट है कि वह मन के भावों को प्रकट करने में अन्य भाषाओं की तुलना में अधिक सक्षम है। सुधांशु ने कहा कि भारतीय संस्कृति के लिए प्रेम एक आदर्श है हमारे यहां प्रेम में ब्रेकअप नहीं होता बल्कि सांसें ब्रेक लेती हैं। आपने कहा कि दुनिया के लिए शून्य एक अंक है किंतु भारतीय संस्कृति में शून्य का अस्तित्व अनुभूति स्वरूप है। सत्र को संबोधित करते हुए हिंदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश डॉक्टर रविंद्र शुक्ला ने कहा कि सनातन ही शाश्वत है। अन्य सभी पंथ संप्रदाय या धर्म किसी एक व्यक्ति या वर्ग के लिए हो सकते हैं लेकिन सनातन धर्म संपूर्ण विश्व और ब्रह्मांड के लिए है।

इस अवसर पर जाहन्वी के संपादक भारत-भूषण चड्ढा, साधना टीवी के संचालक  राकेश गुप्ता तथा उज्बेकिस्तान से पधारी डाॅ नीलोफर  को संस्कृति साधक सम्मान प्रदान किया गया। आयोजन के दूसरे सत्र में आचार्य देवेंद्र देव, अरुण सज्जन तथा राकेश कुमार , मंजू पाण्डेय, ठाकुर सिंह पोडियाल, शिवशंकर सोनी,पद्मश्री विष्णु पांड्या, प्रतिभा त्रिपाठी की पुस्तकों का विमोचन मंचासीन अतिथियों के करकमलों से किया गया। कार्यक्रम के तीसरे सत्र में विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें डॉ रवींद्र शुक्ल, आचार्य देवेंद्र देव, कुलदीप अंगार, डॉ देवेंद्र तोमर मुरैना मध्य प्रदेश, प्रतिभा त्रिपाठी, डॉ सुनीता मंडल सहित अनेक रचनाकारों ने प्रभावशाली काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर विनय कुमार सिंह ने किया। मंच पर प्रमुख रूप से बैद्यनाथ लाभ , पदम विष्णु पांड्या, विनोद कुमार मिश्र, आचार्य देवेंद्र देव, मौजूद रहे। इस अवसर पर सभागार में हिंदी साहित्य भारती के केंद्रीय सह संगठन मंत्री डॉ देवेंद्र तोमर, ऋचा शुक्ला,लेखक आनंद उपाध्याय, निशांत शुक्ला, संजय राष्ट्रवादी तथा नीरज सिंह सहित विदेश एवं देश के प्रत्येक प्रांत से पधारे हुए अतिथि साहित्यकार पत्रकार बुद्धिजीवी तथा नागरिक मौजूद रहे।

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