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नई दिल्ली। जस्टिल राजेश बिंदल और अरविंद कुमार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने दोनों जजों को शपथ दिलाई। शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले, न्यायमूर्ति बिंदल इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, जबकि न्यायमूर्ति अरविंद कुमार गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।
इन दोनों जजों के शपथ ग्रहण करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हो गई है। शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या भी 34 ही है, यानी करीब नौ महीने बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों का कोई पद रिक्त नहीं है।
कौन हैं न्यायमूर्ति राजेश बिंदल?
16 अप्रैल 1961 को जन्मे न्यायमूर्ति राजेश बिंदल का मूल कैडर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय है। वह 11 अक्तूबर, 2021 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। जस्टिस बिंदल ने 1985 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एलएलबी किया था और सितंबर 1985 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में इस पेशे में शामिल हुए। 22 मार्च, 2006 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उन्हें पदोन्नत किया गया था। उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में अपने कार्यकाल के दौरान लगभग 80,000 मामलों का निपटारा किया।
कौन हैं न्यायमूर्ति अरविंद कुमार?
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार का मूल कैडर कर्नाटक उच्च न्यायालय है। 14 जुलाई 1962 को जन्मे जस्टिस कुमार 1987 में एक वकील के रूप में कार्य शुरू किया था। 1999 में, उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक अतिरिक्त केंद्र सरकार के स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें 2005 में भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में, 26 जून, 2009 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। उन्हें 7 दिसंबर, 2012 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। वह 13 अक्टूबर, 2021 से गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे।