Breaking News

सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में शिक्षक, रखी अपनी ये मांगें

Getting your Trinity Audio player ready...

लखनऊ। प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुये उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में प्रदेशभर के शिक्षकों ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक के कार्यालय के समक्ष धरना देकर विरोध जताया। धरने के माध्यम से शिक्षकों ने पुरानी पेंशन, वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय, तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने व कैशलेस इलाज देने की प्रमुखता से मांग की। मांगे न पूरी होने से नाराज शिक्षकों ने सरकार के विरोध में नारे भी लगाये।
शिक्षकों ने एनपीएस समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल की मांग की गई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि 9 मार्च 2019 को सरकार के साथ हुई निम्न सहमति के बिंदुओं को लागू किया जाए। तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण आदेश दिनांक 22 मार्च 2016 के बिन्दू 8 की बाधा को समाप्त करते हुए विनियमितीकरण किया जाए और अद्यतन कार्यरत शिक्षकों को भी विनियमित किया जाए। मान्यता की धारा 7 क(क) को 7 (4) में संशोधित करते हुए वित्तविहीन विद्यालय में कार्य शिक्षकों की सेवा शर्त निर्धारित कर मानदेय ₹15000 प्रतिमाह आरटीजीएस प्रणाली से किया जाए। माध्यमिक विद्यालय में लंबित अवशेष का भुगतान शीघ्रता से जांच कराकर 3 माह में सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों कर्मचारियों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाए। माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा एवं मूल्यांकन की सभी स्तर के पारिश्रमिक की दरों में वृद्धि की जाए और इसे सीबीएसई के समतुल्य किया जाए।

मांग पत्र में स्थानांतरण की ऑनलाइन प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन करते हुए सरलीकरण करने की मांग की गई है। विगत दो सत्रों से ऑफलाइन व ऑनलाइन की लंबित स्थानांतरण प्रक्रिया को तत्काल लागू किया जाए। वर्ष 2019 से लंबित हाई स्कूल इन मान्यताओं का शासनादेश शीघ्र निर्गत किया जाए। विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की सेवाएं उनकी प्रथम नियुक्ति के दिनांक से जोड़कर उनका लाभ दिया जाए। माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा एवं मूल्यांकन आदि सभी प्रकार के पारिश्रमिक अवशेषों के बकाया का भुगतान किये जाने की मांग की गयी। इसके साथ ही 31 मार्च 2005 के पूर्व चयनित शिक्षकों को केंद्रीय शिक्षक कर्मचारियों से संबंधित पेंशन आदेश पत्र संख्या 57/04/2019 दिनांक 17 फरवरी 2020 के अनुसार समाधान के आधार पर पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाए। व्यसायिक एवं कंप्यूटर अनुदेशकों को शिक्षक पदों पर समायोजित किये जाने की मांग की गयी। वहीं संघ ने कहा कि सामान्य शिक्षकों की भांति अल्पसंख्यक विद्यालयों में भी स्थानांतरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। धरने को पूर्व एमएलसी लवकुश मिश्रा, सुरेश तिवारी,डा. महेन्द्र नाथ राय, जगदीश प्रसाद ब्यास, मार्कण्डेय सिंह, अनिरुद्ध तिवारी, महेश चन्द्र यादव, संजय द्विवेदी, विनोद मिश्रा, अरूण कुमार सिंह, देव स्वरूप त्रिवेदी, वाचस्पति पाण्डेय, रविंद्र सिंह, राजेश चौधरी,इन्द्रपाल सिंह, अशोक कुमार श्रीवास्तव, नर्सिंग बहादुर सिंह, नरेन्द्र सिंह, संत सेवक सिंह, अजय प्रताप सिंह, गिरजानन्द यादव, रणजीत सिंह, प्रमोद सिंह, विमलेंद्र, एससी रस्तोगी, हरमिलन शाही, राम मोहन शाही, सतेंद्र शुक्ला, गुलाब चन्द्र मौर्या, गिरेन्द्र कुशवाहा, जगदीश वाथम, जय प्रकाश शर्मा,शैलेश सिंह, कमल मोहन पाण्डेय,महिपाल सिंह, राजेश चौधरी, मनोज सिंह,दिनेश सिंह राणा, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व संचालन महामंत्री राम बाबू शास्त्री ने किया। धरने के उपरान्त प्रान्तीय संरक्षक राज बहादुर सिंह चन्देल के नेतृत्व मे मुख्यमंत्री को सम्बोधित नौ सूत्रीय ज्ञापन शिक्षा निदेशक माध्यमिक सरिता तिवारी को प्रेषित किया गया।

Check Also

प्रदेश में स्थापित होगा भारत का पहला मॉडल केज-फ्री अंडा उत्पादन प्रशिक्षण केंद्र

Getting your Trinity Audio player ready... लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *