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लखनऊ। आप सभी जानते है कि हिन्दू धर्म में सावन के महीने (श्रावण माह) का विशेष महत्व होता है। साल के 12 माह में इसे सर्वोत्तम मास कहा जाता है। शिव भक्त इस महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इसीलिए इस माह को साल का सर्वोत्तम माह कहा जाता है। धर्म ग्रन्थों की मान्यता के अनुसार कुछ तथ्य बताए गए हैं जिनमें ऋषि मरकण्डु के पुत्र मार्कण्डेय ने लंबी उम्र के लिए तपस्या की थी। जिसके बाद मिली आलौकिक शक्ति से देवता भी नतमस्तक हो गये थे। सावन के माह में देवताओं ने समुद्र मंथन किया था, जिसके बाद चौदह रत्न निकले थे, इस मंथन से निकला विष का प्याला (हलाहल) भगवान भोलेनाथ ने पिया था, जिसके बाद वह नीलकंठ कहलाने लगे।
शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव स्वयं जल हैं, इसी कारण उनका जलाभिषेक करने से मनवांछित फल प्राप्त होते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस माह भगवान शिव का जलाभिषेक कर उनका श्रृंगार करना अतिउत्तम व फलदायक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु सावन माह में निद्रा में चले जाते हैं। इससे भगवान शिव स्वयं प्रधान देवता के रूप में भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। ज्योतिषों की माने तो श्रवण माह यानि सावन के महीने में जिन भक्तों को सपने मंे भगवान शिव से जुड़ी कुछ चीजों को अगर वह अपने सपने में देखता है तो माना जाता है कि उस पर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसने वाली है। भोले के भक्तों को सावन माह में यह चीजें सपने में दिखाई देती है तो उनकी मनोकामना पूर्ण होने की संभावना प्रबल हो जाती है। चलिए हम बताते है कि सावन के इस पवित्र महीने में कौन सी चीजों को सपने में देखने से उसे शुभ माना जाता है।
नंदी
धार्मिक मान्यता के अनुसार नंदी भगवान शिव के गण और उनके वाहन माने जाते हैं। भोले शंकर के भक्त नंदी से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए उनसे विनती करते हैं। भगवान शिव के साथ उनके वाहन नंदी का स्थान अनूठा है। नंदी का सपने में दिखना दर्शाता है कि आपको हर काम में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। यह अथक परिश्रम का भी प्रतीक होता है जो मनुष्य अपने जीवन में अथक परिश्रम करते हैं सफलता उनके साथ चलती है। नंदी या बैल दिख जाये तो समझ लिजिए जीवन में चल रहे कष्टों के खत्म होने का समय आ गया है, और अच्छे फल मिलने वाले हैं।
त्रिशूल
हिन्दु धर्म में हमेशा शुभ कार्य में प्रतीक की तरह इस्तेमाल होने वाले त्रिशूल को शत्रु पर विजय का भी प्रतीक माना जाता है। यह भगवान शिव का प्रिय अस्त्र है। हाथ में त्रिशूल, शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने को दर्शाता है, साथ में यह मनोबल को भी बढ़ाता है। त्रिशूल इस बात का भी प्रतीक है कि इसके तीनों छोर पर ब्रहमा, विष्णु और शिव का वास होता है। यह भूत, भविष्य और वर्तमान के कार्यो को भी दर्शाता है। हिन्दु धर्म में ऐसी मान्यता है कि अगर किसी को सावन के महीने में सपने त्रिशूल दिखाई देता है तो उस पर निश्चय ही भगवान शिव की कृपा बरसने ही वाली है। सपने में त्रिशूल दिखने से माना जाता है कि व्यक्ति अपनी परेशानियों पर विजय प्राप्त करने वाला है, और इंसान को सभी तरह की परेशानियों से निजात मिलने वाली है। ऐसा भी कहा जाता है कि आम दिनों में त्रिशूल देखने से अच्छे और बुरे दोनों का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ सकता है।
नाग
यूं तो नाग या सांप लोग सपना हो या हकीकत उसे नहीं देखना चाहते हैं, इसका मिश्रित फल होता है, यानि जीवन में अच्छा भी और खराब भी। लेकिन ज्योतिषों के अनुसार अगर सावन माह मंे आपको सपने में नाग के दर्शन होते है तो माना जाता है कि आपको धन की प्राप्ति होने वाली है। सावन माह मे नाग देवता के सपने में दर्शन होने के यही संकेत होते हैं कि आने वाले समय में धन वृद्धि की संभावना प्रबल हो रही है।
डमरू
भगवान भोलनाथ अपने हाथों में हमेशा डमरू धारण किये रहते हैं। यह स्थिरता एवं तटस्थता का प्रतीक है। इसके बजने मात्र से उत्पन्न हुयी ध्वनि से पूरे घर में नकारात्मकता दूर हो जाती है, व सकरात्म ऊर्जा का घर में प्रवेश होता है। इसकी ध्वनि सुन कर मन प्रसन्न हो जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव ने डमरू बजाकर कई मंत्रों की उत्पत्ति की है। इसे बजाकर भगवान शिव ने चौदह स्वर निकाले हैं। खास बात यह है कि इसकी ध्वनि में सृजन और विध्वंस दोनो के स्वर छिपे रहते हैं। भक्तों द्वारा अगर सपने में डमरू देखा जाता है तो समझ जाना चाहिए कि उनके जीवन चल रही उठा-पठक के दिन अब समाप्त होने वाली है। उनके व्यक्तिगत जीवन में स्थिरता और सफलता आने वाली है। सपने में डमरू देखने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होने शुरू होने की संभावना बढ़ जाती है।