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गृहस्थी की गाड़ी पटरी से उतरी, तो बैठे धरने पर

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था की कमान जिनके हाथों में है, वह ही इन दिनों आर्थिक तंगी के कारण लाचार बने हुये हैं। हद तो तब है कि जब सुरक्षा व्यवस्था में लगे इन सुरक्षा गार्डो ने विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों को वेेतन न मिलने से आ रही परेशानियों के बारे में कई बार जानकारी भी दी, पर किसी ने इनकी परेशानी की सुध नहीं ली, आज इन सुरक्षा गार्डो के सब्र का बांध टूट गया। वेतन न मिलने से नाराज चल रहे सभी गार्ड डयूटी छोड़कर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठकर अपना विरोध जताया।
मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ विश्वविद्यालय के द्वितीय परिसर में तैनात सुरक्षा गार्डों को दो महीने से सैलरी नहीं मिली है, जिसके कारण इनके घर का बजट बुरी तरह से गड़बड़ा गया। हालात यह हो गये कि किसी के परिवार में बच्चों की फीस नहीं जमा हुयी तो किसी के परिवार में आर्थिक तंगी के कारण घर का खर्च भी चलाना मुश्किल हो गया। वेतन न मिलने से परेशानियां बढ़ी तो सुरक्षा कर्मी भी तनाव में आने लगे। आज सभी गार्ड एक जुट होकर ड्यूटी छोड़कर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए। गार्डो में नाराजगी इस कदर थी कि उन्होंने साफ लहजे में कहा कि जब तक विवि प्रशासन हमारी समस्या का समाधान नहीं करेगा जब तक वह डयूटी नहीं करेगें, उन्होंने कहा कि खाते में वेतन आने के बाद ही वह नौकरी ज्वाइन करेंगे। ज्ञात हो कि लखनऊ विश्वविद्यालय के जानकी पुरम में द्वितीय परिसर में मेसर्स साईं नाथ एसोसिएट्स के माध्यम से 43 सुरक्षा गार्ड विभिन्न जगहों पर सुरक्षाकर्मी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन्हें 403 प्रति दिन के हिसाब से देने का प्राविधान है। लेकिन सुरक्षा गार्डों को सितंबर से सैलरी नहीं दी गई। धरने पर बैठे अमरेंद्र, शिव बहादुर, सुमित, विनोद कुमार कश्यप, दिनेश, आकाश सहित अन्य गार्डों का कहना है कि सैलरी न मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है, अगर कोई बीमार पड़ जाये तो पैसे की वजह से इलाज भी कराना मुश्किल हो गया है, वहीं बच्चों की फीस भी समय से नहीं जमा हो पा रही है। कुछ ऐसे भी गार्ड हैं जो परिवार के साथ किराये पर रहते हैं, सैलरी न मिलने से करीब करीब सभी गार्डो की गृहस्थी की गाड़ी पटरी से उतरी है। गार्डों के धरने पर बैठने की सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंच गई और उन्हें समझाने का प्रयास किया। लेकिन गार्ड मानने को तैयार नहीं हैं, फिलहाल उनको समझाने का प्रयास किया गया। वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय चीफ प्राक्टर प्रोफेसर राकेश द्विवेदी ने कहा कि सुरक्षा गार्डों को वेतन न मिलने का मामला संज्ञान में आया है। उम्मीद है कि एक-दो दिन में समस्या का समाधान हो जाए।

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