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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। नगरीय निकाय निदेशालय में 36वीं शासी निकाय की बैठक प्रमुख सचिव नगर विकास, अमृत अभिजात की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में निदेशक सूडा, डॉ. अनिल कुमार के साथ ही शासी निकाय के समस्त अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
उक्त बैठक में कई अहम प्रस्ताव पारित हुए। शहरी आजीविका केंद्रों के संचालन के जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी। बताते चलें कि सीएलसी शहरी गरीबो के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने एवं योजनाओं तक पहुंच सुगमीकृत करना है। अनौपचारिक क्षेत्र के निपुण एवं प्रशिक्षित शहरी गरीब कामगारों को सूचीबद्ध एवं पंजीकृत कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। वर्तमान में 63 शहरी आजीविका केन्द्र संचालित है।
इसके साथ ही दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित होने वाले आश्रयगृह भी अब एसएचजी की महिलाओं के द्वारा संचालित किए जाएंगे। शहरी बेघरों के लिए आश्रय की योजना (एस.यू.एच.) का मुख्य उद्देश्य शहरी बेघर लोगों को बुनियादी सुविधाओं युक्त आश्रय प्रदान करना है। अद्यतन 155 शेल्टर होम निर्माण, क्षमता 10,351 की परियोजनाएं स्वीकृत है। स्वीकृत के सापेक्ष 149 शेल्टर होम क्षमता 9,581 पर निर्माण कार्य पूर्ण कराकर संचालित करा दिया गया है। संचालित 149 आश्रय गृहों में से 78 आश्रय गृहों के संचालन के 5 वर्ष पूर्ण होने के उपरान्त उनको निकायों को हस्तांतरित किया जा चुका है। शेष 71 आश्रय गृहों की संचालन अवधि के 5 वर्ष अभी पूर्ण नहीं हुए हैं जिनका संचालन आश्रय सखी द्वारा किए जाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। इसके साथ ही आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मियों के वेतन में वृद्धि के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल गई। इसके साथ ही विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी प्रमुख सचिव द्वारा की गई तथा पिछली बैठक की अनुपालन आख्या भी प्रस्तुत की गई।