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लखनऊ/बदायूँ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने शासनादेश के क्रम में जनपद के समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारियों को कहा हैं कि वित्तीय वर्ष 2013-14 से कोषागार में समस्त भुगतान ई-पेमेन्ट के माध्यम से किये जा रहे हैं एवं वर्तमान में कोषागार द्वारा किसी भी भुगतान के लिए चेक जारी नहीं किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन बिल प्रस्तुतीकरण एवं ई-कुबेर प्रणाली लागू है।
उन्होंने कहा कि सभी आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा कोषागार में समस्त बिल निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार विलम्बतम 25 मार्च तक अवश्य प्रस्तुत कर दिये जायें, जिससे कि प्रस्तुत बिलों की आवश्यक चौकिंग के बाद कोषागार द्वारा बिलों की पासिंग तथा ई-पेमेन्ट के माध्यम से 31 मार्च 2025 तक भुगतान के लिए ऑथराइजेशन किया जा सके, क्योंकि 31 मार्च 2025 तक पारित बिलों का भुगतान ई-पेमेन्ट द्वारा 31 मार्च 2025 को रात्रि 21ः00 बजे तक ही हो पायेगा। उन्होंने समस्त आहरण वितरण अधिकारियों से कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 समाप्ति पर है। माह मार्च में कोषागार में बिल पारण के लिए देयको की संख्या अत्यधिक मात्रा में रहती है, जिस कारण माह के अन्तिम दिनों में ई-कुबेर (सेन्ट्रल सर्वर) पर अत्यधिक भार बढ़ जाने के कारण उसकी गति धीमी हो जाती है, जिससे देयको के समयान्तर्गत भुगतान करने में बाधा उत्पन्न होती है एवं बजट के कालातीत व व्यपगत होने की सम्भावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को नियन्त्रण में रखने के लिए जनपद के समस्त आहरण वितरण अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है, कि वे अपने विभाग से सम्बन्धित वित्तीय वर्ष 2024-25 में अद्यतन प्राप्त बजट के भुगतान के लिए देयक कोषागार में प्रत्येक दशा में 25 मार्च, 2025 तक अवश्य प्रस्तुत कर दें। 26 मार्च, 2025 से उन्हीं देयकों को कोषागार द्वारा 31 मार्च को 17ः00 बजे तक स्वीकार किया जायेगा, जिनका बजट आवंटन 25 मार्च, 2025 या उसके उपरान्त प्राप्त हो। बजट लैप्स होने की दशा में सम्बन्धित आहरण वितरण अधिकारी का पूर्णरूप से उत्तरदायित्त्व होगा।