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नई दिल्ली। अगले हफ्ते शुरू होने वाले संसद सत्र में सरकार मीडिया पंजीकरण के लिए नए कानून में डिजिटल मीडिया को भी शामिल कर रही है. इससे पूर्व कभी डिजिटल मीडिया को सरकारी रेगुलेशन में शामिल नहीं किया गया है. इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद न्यूज साइट्स नियमों का उल्लंघन करती हैं तो उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसके तहत ना सिर्फ उनका रजिस्ट्रेशन कैंसल हो सकता है, बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
सूचना प्रसारण मंत्रालय ने प्रेस और पीरियोडिकल्स बिल के रजिस्ट्रेशन में अमेंडमेंट को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत पहली बार डिजिटल मीडिया को शामिल किया जा रहा है. अब इसके दायरे में किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए पब्लिश होने वाले समाचारों को शामिल किया जाएगा. इस बिल के आने के बाद अब डिजिटल समाचार पब्लिशर्स को रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना होगा और ये काम कानून लागू होने के 90 दिनों के अंदर अंदर ऐसा करना होगा.
इस कानून के लागू होने के बाद डिजिटल समाचार पब्लिशर्स को प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के पास रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना होगा. इसके अलावा सरकार के बनाए नियमों का कोई डिजिटल पब्लिशर्स उल्लंघन करता पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई होगी. इस कार्रवाई को करने का अधिकार प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के पास होगा. दोषी पाए जाने पर पब्लिशर्स के रजिस्ट्रेशन को न सिर्फ सस्पेंड किया जा सकेगा बल्कि उसे कैंसिल भी किया जा सकता है. इसके अलावा उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
इस कानून के आने से पहले अभी तक डिजिटल मीडिया किसी कानून या रेगुलेशन के तहत नहीं था. अब इस अमेंडमेंट के बाद डिजिटल मीडिया सीधे तौर पर सूचना और प्रसारण मंत्रालयण के नियंत्रण में आ जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय प्रेस काउंसिल के प्रेसिडेंट के साथ एक अपीलीय बोर्ड की योजना भी बनाई जा रही है. अभी तक पीएमओ और अन्य स्टेकहोल्डर्स ने इस बिल को मंजूरी नहीं दी है.