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नई दिल्ली। एक ओर कांग्रेस भारत जोड़ों यात्रा के बाद अपनी पीठ थपथपा रही थी कि कांग्रेस का जमीनी स्तर पर वोटबैंक ही नहीं बढ़ा बल्कि लोग उसकी विचारधारा से प्रभावित हुए हैं और राहुल गांधी के कदम ने देश की सियासत में बहुत कुछ बदल दिया है लेकिन अब राहुल के ही एक करीबी नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस किसी भी हालत में मोदी का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है उसे गठबंधन की जरूरत है नहीं तो वह भाजपा के सामने कहीं भी नहीं टिकती है।
कांग्रेस ने पहली बार माना है कि 2024 के आम चुनाव में पार्टी के लिए मोदी सरकार का अकेले सामना करना काफी मुश्किल होगा। उन्होंने भाजपा के खिलाफ विपक्ष के एकजुट होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि कांग्रेस अकेले लोकसभा चुनाव में इस सरकार से नहीं लड़ सकती।
वेणुगोपाल ने कहा कि भाजपा के विरोध में पडऩे वाले वोटों को बिखरने से रोकने के लिए विपक्षी दलों की एकजुटता सबसे अहम मानक है। उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस भी विपक्षी एकता को लेकर चिंतित है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने कई मौकों पर मौजूदा स्थिति को बयां किया है कि कांग्रेस अकेले इस सरकार का सामना नहीं कर सकती। कांग्रेस हर कीमत पर लड़ेगी। लेकिन हमें इस अलोकतांत्रिक, तानाशाही सरकार से लडऩे के लिए विपक्षी एकता की जरूरत होगी।
वेणुगोपाल ने आगे कहा, सभी जानते हैं कि देश में अभी कैसी स्थिति है। मौजूदा सरकार पूरी तरह तानाशाही पर उतर आई है। देश में अघोषित आपतकाल जैसी स्थिति है। इस तानाशाही सरकार से लडऩा विपक्ष के लिए एक बड़ा काम है, खासकर कांग्रेस पार्टी के लिए। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस यात्रा ने कार्यकर्ताओं को जोश से भर दिया है और हम जल्द ही मोदी सरकार के खिलाफ नीतियां और योजनाएं बनाएंगे, जिससे उसे उखाड़ फेंका जा सके।