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बेंगलुरू। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने रिश्वत के दो अलग-अलग मामलों में जीएसटी के दो अधीक्षकों और एक सीमा शुल्क अधीक्षक को गिरफ्तार किया है. पहले मामले में सीबीआई ने कर्नाटक के बल्लारी में तैनात जीएसटी अधीक्षक मधुसूदन कावादिकी और अनंत नरहरि को 80,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. दरअसल, सीबीआई को शिकायत मिली थी कि एक अधिकारी जीएसटी भुगतान में देरी के संबंध में शिकायतकर्ता की फाइल को बंद करने के लिए 1 लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था. इसके बाद जाल बिछाकर सीबीआई ने उसे रिश्वत के 80,000 रुपए के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई के एक अफसर ने बताया कि इससे पहले कार्यालय उपायुक्त, केंद्रीय कर, जीएसटी संभाग, बेल्लारी और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था.
सीबीआई के एक अफसर के मुताबिक शिकायतकर्ता ने यह आरोप लगाया गया था कि अधिकारी जीएसटी भुगतान में देरी के संबंध में शिकायतकर्ता की फाइल को बंद करने के लिए 1 लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था. इसके बाद रिश्वत की राशि कम करने बातचीत की गई तो इसे घटाकर 80,000 रुपये कर दिया गया. सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम का गठन किया है. सीबीआई अधिकारी ने कहा कि हमने जाल बिछाया और शिकायतकर्ता से 80,000 रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए आरोपी को पकड़ लिया. इस दौरान एक अन्य अधीक्षक भी पकड़ा गया. सीबीआई की टीम ने बाद में आरोपी के आवासीय और आधिकारिक परिसरों में तलाशी अभियान चलाया.
इस बीच, एक और मामले में सीबीआई ने एक व्यक्ति से 8,500 रुपए की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में बेंगलुरु में तैनात सीमा शुल्क अधीक्षक को गिरफ्तार किया. सीबीआई ने बेंगलुरू सीमा शुल्क अधीक्षक शशिकांत मचिंद्र देशमुख और अन्य के खिलाफ शिकायत पर मामला दर्ज किया था. शिकायतकर्ता ने उनके खिलाफ यह आरोप लगाया गया था कि वे उसके द्वारा आयातित शिपमेंट की मंजूरी के लिए रिश्वत की मांग कर रहे थे. इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपी को रिश्वत मांगते व लेते हुए पकड़ लिया. सीबीआई अधिकारी ने बताया कि बेंगलुरु में आरोपी के परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. सीबीआई अफसर ने बताया कि दोनों मामलों में आगे की कार्रवाई के लिए जांच जारी है.