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पटना। नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद बीजेपी बिहार में सियासी तौर पर सक्रिय हो गई है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी लगातार हर उस मुद्दे पर नीतीश कुमार को घेर रही है जिससे नीतीश और महागठबंधन को कमजोर किया जा सके। अभी हाल ही में बीजेपी ने बाबा बागेश्वर के जरिए हिन्दुत्व का कार्ड खेला और अब जाति कार्ड भी मजबूती के साथ खेल रही है। बीजेपी ने बिहार के राज्यपाल को हेलीकॉप्टर नहीं दिए जाने पर नीतीश कुमार को एंटी बताया है। दरअसल रविवार के बिहार के गवर्नर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर पश्चिम चंपारण दौरे पर गए। बताया जा रहा है कि उन्हें बिहार सरकार ने हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं कराया तब राज्यपाल सडक़ मार्ग से ही चंपारण गए।
राज्यपाल के सडक़ मार्ग से पश्चिम चंपारण जाने के बाद बीजेपी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला। बीजेपी सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर अनुसूचित जाति से हैं। इस वजह से उनसे घृणा किया जा रहा है। उन्हें लगता है राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के बैठने से हेलिकॉप्टर अपवित्र हो जाएगा।
हालाकि राज्यपाल की तरफ से सरकार के खिलाफ इस तरह की कोई शिकायत नहीं की गई है। वहीं बीजेपी के आरोपों पर सरकार की तरफ से भी कोई अधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। लेकिन बीजेपी इस मामले को उठाकर लगातार सरकार को घेर रही है। इधर आनंद मोहन सिंह की रिहाई के लिए कानून बदले जाने के बाद नीतीश सरकार पहले ही निशाने पर है और उनपर दलित विरोधी होने का आरोप लग रहा है। दरअसल आनंद मोहन सिंह दलित ढ्ढ्रस् जी कृष्णैया की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे थे। नीतीश सरकार ने उन्हें रिहा करने के लिए कानून में संसोधन किया जिसके बाद वह जेल से बाहर आए हैं।
आनंद मोहन सिंह की रिहाई को चिराग पासवान ने दलित विरोधी बताया था तो वही दिवंगत आईएएस की पत्नी उमा कृष्णैया ने कहा कि नीतीश कुमार ने राजपूत वोटों के लिए हत्यारे को जेल से रिहा किया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी नीतीश कुमार से पूछा है कि आनंद मोहन सिंह की रिहाई के लिए कानून में बदलाव किस नियम के तहत हुआ है। इधर बीजेपी इसे कानून व्यवस्था का भी मु्द्दा बना रही है। आनंद मोहन सिंह की रिहाई का मामला सुप्रीम कोर्ट में है जहां पिछली सुनवाई में सरकार की फजीहत भी हुई है।