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संस्थापक दिवस के रूप में मनाया गया प्रख्यात शिक्षाविद स्व. पूरन सिंह का जन्मदिवस

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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः पायनियर मोंटसरी स्कूल एवं इंटर कॉलेज के लिए आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण दिन था, दरअसल आज के दिन ही पायनियर स्कूल की नींव रखने वाले युगपुरूष व प्रख्यात शिक्षाविद पूरन सिंह का जन्मदिन आज संस्थापक दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर सभी शाखाओं में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया, वहीं बेहरत प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्माानित भी किया गया।
स्कूल की समस्त शाखाओं में आज संस्थापक प्रबंधक पूरन सिंह के जन्म दिवस को संस्थापक दिवस के रूप में अत्यंत उत्साह के साथ मनाया गया। शिक्षाविद् एवं कर्मयोगी श्रद्धेय पूरन सिंह ने ज्ञान एवं शिक्षा का आलोक सर्वत्र फैलाने के लिए पायनियर मोंटसरी स्कूल की स्थापना की।

इस अवसर पर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। संस्थापक महोदय के स्टेचू पर माल्यार्पण किया गया तथा सभी ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर सभी शाखाओं में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए कक्षावार मैथ्स ओलिंपियाड आयोजित किया गया । प्री प्राइमरी से कक्षा 2 तक के नन्हे मुन्ने के लिए रंग भरने की प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें नन्हे कलाकारों ने अपनी तूलिका से चित्रों को सजीव कर दिया । कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । बच्चों ने अपनी उत्कृष्ट कला प्रतिभा का परिचय देते हुए मनमोहक चित्र बनाकर उनमें रंग भरे । कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों के लिए निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका विषय था संस्थापक दिवस का महत्व। विद्यार्थियों ने उच्च स्तरीय निबंध लिखकर अपनी लेखन प्रतिभा का परिचय दिया। कक्षा 9 और 10 के विद्यार्थियों के लिए भी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका विषय था पायनियर के प्रेरणा स्रोत हमारे संस्थापक महोदय। इस विषय पर सभी विद्यार्थियों ने उच्च स्तरीय निबंध लिखे । कक्षा 11 एवं 12 के लिए भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसका विषय था गणित एक सार्वभौमिक भाषा इस प्रतियोगिता में एल्डिको शाखा से तन्वी मिश्रा को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गयाजबकि अनन्या सिंह एवं अभिषेक द्विवेदी को क्रमशः दिव्तीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। अंशिका सिंह ,कशिश सिंह एवं तन्मय सिंह को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। विजयी प्रतिभागियों को पदक एवं ट्रॉफी प्रदान की गई । प्रधानाचार्या श्रीमती शर्मिला सिंह एवं सचिव शुभम सिंह ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर श्रीमती शर्मिला सिंह द्वारा सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया ।

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स्मृतिशेष

पायनियर के संस्थापक स्व. पूरन सिंह अब इस दुनिया में नहीं, पर आज भी जिंदा है उनके “विचार”

लखनऊ। पायनियर मोंटेसरी स्कूल के संस्थापक स्व. पूरन सिंह ने समाज में शिक्षा और संस्कार देने के लिए स्कूल रूपी जो पौधा रोपा था, वह आज वट वृक्ष बन कर देश और प्रदेश में ख्याति अर्जित कर रहा है, ज्ञान के इस मंदिर से पढ़ कर निकलने वाले तमाम छात्र आज विभिन्न क्षेत्रों में देश और समाज का नाम रौशन कर रहे हैं। यह स्व. पूरन सिंह की ही परिकल्पना थी कि छात्रों को कुछ इस तरह की स्कूली शिक्षा मिले जिससे कि छात्र सिर्फ किताबी ज्ञान तक ही न सिमित रह सके बल्कि उनका बौद्धिक विकास के साथ ही सर्वांगीण विकास हो सके जिससे वह देश और समाज के लिए एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभा सके। यद्यपि स्कूल के संस्थापक स्व.पूरन सिंह आज इस दुनिया में नहीं हैं, पर उनके विचारों और सपनों में एक -एक कड़ी जुड़ती जा रही है, स्व. पूरन सिंह के सपनों को जमीन पर उतारने का काम अब उनकी बेटी व एल्डिको बंगलाबाजार शाखा की प्रधानाचार्या श्रीमती शर्मिला सिंह बहुत ईमानदारी के साथ कर रही हैं। यह उनके कुशल नेतृत्व और कड़ी परिश्रम का ही नतीजा है कि पायनियर स्कूल के पढ़े छात्र देश और प्रदेश में अपनी कुशल कार्य क्षमता का लोहा मनवा रहे हैं तो वहीं राष्ट्र की उन्नित में भी अहम योगदान दे रहे हैं।
एल्डिको बंगला बाजार शाखा की प्रधानाचार्या श्रीमती शर्मिला सिंह ने मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी से एक खास बातचीत की। उन्होंने इस दौरान स्व. पूरन सिंह के संघर्षो व उनके जीवन के अनछुए पहलुओं के विषय में हमसे विस्तार से चर्चा की। शर्मिला सिंह ने संघर्ष के दिनों को याद करते हुये बताया कि कैसे उनके पिताजी ने कड़ा परिश्रम करते हुये शिक्षा के क्षेत्र में सफलता का परचम लहराया है। अतीत को याद करते हुये उन्होंने बताया कि पिताजी हमेशा से सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ते रहे हैं, उनका मानना था कि गुणवत्ता युक्त शिक्षा ही एक जिम्मेदार नागरिक बनाती है, और एक जिम्मेदार नागरिक ही सभ्य और जागरूक व स्वथ्य समाज का निर्माण करता है, जिससे कि राष्ट्र को प्रगति के पथ पर ले जाया जा सकता है। इससे हमारी अपने देश को विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा करने की कल्पना मूर्त रूप लेती है। उन्होंने बताया स्व. पूरन सिंह की उच्च लखनऊ विश्वविद्यालय में हुई थी, वह विश्वविद्यालय के टॉपर छात्र थे। उन्होंने कुछ समय लखनऊ के एक महाविद्यालय में बतौर शिक्षक भी अपनी सेवाएं दी, पर शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अलग करने की लालसा ने उन्हें अपना स्कूल खोलने पर विवश कर दिया, फलस्वरूप 1963 में लखनऊ के कुंडरी रकाबगंज में एक किराये के घर में पायनियर स्कूल की नींव पड़ी, जिस समय पायनियर स्कूल की नींव पड़ी उस समय स्व. पूरन सिंह के दोस्तों ने मिलकर 300 रूपये किराये के अदा किये। आज लखनऊ व बारबंकी जैसे जिलांे में कुल 17 शाखाओं के स्वर्णिम कीर्तिमान स्थापित कर रहा है पायनियर मांटेसरी स्कूल। शिक्षा के क्षेत्र में पायनियर स्कूल की प्राधानाचार्या शर्मिला सिंह का भी अहम योगदान है। एक ओर जहां राजधानी में स्कूल की 14 शाखाएं है तो वहीं बाराबंकी में 3 शाखाएं संचालित हो रही हैं, जिनमें एक पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज भी शामिल है। जिसमें तकरीबन 400 अनुभवी शिक्षक और 200 सहायक स्टॉफ अपनी सेवाएं दे रहा है। प्रधानाचार्य शर्मिला सिंह का मानना है कि छात्र देश के कर्णधार एवं भावी विकास के मजबूत स्तंभ होते हैं, छात्र अपने शैक्षणिक समय में विद्या अध्ययन के साथ-साथ अनुशासन तथा सामाजिक मूल्यों की शिक्षा की जरूरत पड़ती है, इन सब चीजों में शिक्षण संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। वह कहती हैं कि शिक्षा की गुणवत्ता के साथ ही छात्रों का सर्वांगीण विकास ही स्कूल का मूल मंत्र है, उन्होंने नयी शिक्षा नीति की तारीफ करते हुये कहा कि यह बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेहतरीन कदम है, नयी शिक्षा नीति बच्चों के सर्वांगीण विकास मंे सहायक सिद्ध होगी। उन्होने कहा कि पायनियर स्कूल में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उनको आत्मनिर्भरता व जिम्मेदारी का भाव सीखाया जाता है। वहीं सूचना क अधिकार के तहत बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा के बारे में कहा कि मौजूदा समय आरटीई के तहत लगभग 400 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन इस कानून का दुरूपयोग भी बहुत हो रहा है, इसे ध्यान देने की जरूरत है, पात्र छात्र को शिक्षा मिलना उसका मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि आरटीई केे तहत सबसे ज्यादा बच्चे पायनियर स्कूल में ही पढ़ रहे हैं। श्रीमती शर्मिला सिंह ने बताया कि उनके स्कूल से शिक्षा प्राप्त किये हुये बच्चे आज आईएएस, पीसीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, आईआईएम के प्रोफेसर व इसरो में वैज्ञानिक जैसे पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पायनियर स्कूलों अब यूपी बोर्ड के साथ ही सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड से भी छात्रों को शिक्षा दी जा रही है।

प्रधानाचार्या श्रीमती शर्मिला सिंह
एल्डिको बंगला बाजार शाखा

श्रीमती शर्मिला सिंह कहती है कि अपने अभिभावकों के स्नेह, विश्वास एवं समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं व अन्य स्टाफ की मेहनत व लगन से पायनियर मोंटेसरी स्कूल आज पीएमएस डिग्री कॉलेज तक का सफर तय कर चुका है। उन्होने कहा कि विद्यालय प्रबंधतंत्र सदैव प्रयासरत रहा है कि विद्यालय के छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों पर समसामयिक जानकारी से उनके ज्ञान को बढ़ाया जा सके एवं इसलिए विभिन्न विषयों पर विद्वानों को विद्यालय में आमंत्रित कर कार्यशालाओं को का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। श्रीमती शर्मिला सिंह सामाजिक दायित्वों को भी बेहरतीन तरह से निभाती हैं वह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए नदियों की स्वच्छता व सड़क सुरक्षा सप्ताह जागरूकता जैसे सामाजिक मुद्दों स्कूलों की विभिन्न शाखाओं में नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम संचालित करती रहती हैं। धूम्रपान व नशा निषेध के लिए जारूकता कार्यक्रम करवाना, वंचित वर्ग के छात्रों के लिए उचित शिक्षा, यूनिफार्म, पुस्तकों की व्यवस्था करना, अपने साथ काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो के स्वास्थ्य व सुरक्षा का उचित प्रबंध करना, जैसे कार्य भी करती रहती हैं।

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