Getting your Trinity Audio player ready... |
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के नेतृत्व में लखनऊ विश्वविद्यालय ने कर्मोदय योजना के दूसरा चरण सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अभिनव पहल का उद्देश्य छात्रों के लिए अनुभवात्मक अधिगम के अवसरों को बढ़ाना है। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन ने आयोजित समारोह मे प्रमाण पत्र वितरण कर छात्रों को सम्मानित किया गया।
नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप संकल्पित कर्मोदय योजनाए छात्रों को एक आकर्षक और सहायक शिक्षण वातावरण प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। एक अनुभवात्मक सीखने के अवसर के रूप में कर्मोदय छात्रों को मजबूत कार्य नैतिकता और काम के प्रति सम्मान की भावना को आत्मसात करते हुए अपने सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक परिदृश्यों में लागू करने का अधिकार देता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने योजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कर्मोदय पहल एक ऐसे वातावरण को विकसित करने के लिए डिजाइन की गई है जो एनईपी 2020 के प्रमुख उद्देश्यों के साथ संरेखित होकर हमारे छात्रों की क्षमताओं का पोषण करता है। उन्होंने कहा कि कर्मोदय योजना छात्रों को इनहाउस इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करती है। जिससे वे वास्तविक कार्यस्थलों का अनुभव कर सकते हैं और अपने कौशल को प्रभावी ढंग से लागू कर सकते हैं। यह पहल विश्वविद्यालय के सभी छात्रों के लिए है जिस पर पारिवारिक आय या मौजूदा फेलोशिप आदि का प्रतिबंध नही है। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों को मूल्यवान अनुभव प्राप्त होता है जो उनके बायोडाटा को बढ़ाता है और इंटर्नशिप के पूरा होने परए उन्हें उनके योगदान को स्वीकार करते हुए प्रमाण पत्र प्राप्त होते हैं। वहीं प्रोफेसर पूनम टंडन डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर ने बताया कि कर्मोदय योजना न केवल छात्रों के व्यावहारिक प्रदर्शन को बढ़ाती है बल्कि सक्रिय भागीदारी के माध्यम से नागरिकता के गुण भी पैदा करती है। विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष के छात्र अंशुमन वर्मा ने इस योजना के लिए अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मोदय वीसी सर प्रोफेसर पूनम टंडन और इसमें शामिल सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मुझे कर्मोदय का हिस्सा बनने का अवसर दिया। श्योजना। मैंने विभिन्न विभागों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कियाए जिससे मेरी सीखने की यात्रा में वृद्धि हुई। वहीं बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन लाइब्रेरी विभाग में काम करने वाले सुमित गौतम ने कहा मुझे अपनी 50.दिवसीय इंटर्नशिप के दौरान मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त हुई। 50 दिनों की न्यूनतम इंटर्नशिप अवधि वाली कर्मोदय योजना ने नम्रता दुबे प्रिया कुमारी और अरिजीत जैसे छात्रों को विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में प्रभावी ढंग से योगदान करने की अनुमति दी है। कर्मोदय योजना की सफलता एनईपी 2020 के उद्देश्यों के अनुरूपए सर्वांगीण और सक्षम व्यक्तियों को आकार देने की विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।