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नई दिल्ली। ओडिशा में हुए बालेश्वर ट्रेन हादसे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में रेल हादसे पर दुख जताते हुए पीएम से रेलवे में सुधार की मांग की है।
मुझे खेद है कि रेलवे को बुनियादी स्तर पर मजबूत करने की बजाय खबरों में बने रहने के लिए सतही टच अप दिया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि रेलवे को अधिक प्रभावी, अधिक उन्नत और अधिक कुशल बनाने के बजाय इसके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगातार गलत निर्णय लेने के चलते रेल यात्रा को असुरक्षित बना दिया गया है और हमारे लोगों की समस्याएं बढ़ रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम से सवाल करते हुए कहा कि भारतीय रेलवे में इस समय करीब 3 लाख पद खाली पड़े हैं। अकेले ईस्ट कोस्ट रेलवे में जहां यह दुखद दुर्घटना हुई, उसी के लगभग 8278 पद रिक्त हैं।
खरगे ने कहा कि वरिष्ठ पदों के मामले में भी यही हाल है, जहां नियुक्तियों में पीएमओ और कैबिनेट समिति दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नब्बे के दशक में 18 लाख से अधिक रेलवे कर्मचारी थे, जो अब घटकर लगभग 12 लाख रह गए हैं, जिनमें से 3.18 लाख अनुबंध के आधार पर कार्यरत हैं।
खुद रेलवे बोर्ड ने हाल ही में माना है कि मैनपावर की कमी के कारण लोको पायलटों को अनिवार्य घंटों से ज्यादा घंटे काम करना पड़ा रहा है। लोको पायलट सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उनके काम का ओवरबर्डन हादसों का मुख्य कारण साबित हो रहा है। उनके पद अब तक क्यों नहीं भरे गए?
खरगे ने कहा कि इसी साल 8 फरवरी को दक्षिण पश्चिम क्षेत्रीय रेलवे के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक ने मैसूर में दो ट्रेनों की टक्कर का हवाला देते हुए सिग्नलिंग प्रणाली को दुरुस्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया था और भविष्य में होने वाली संभावित दुर्घटनाओं के बारे में भी आगाह किया था, लेकिन रेल मंत्रालय ने इस अहम चेतावनी की अनदेखी क्यों की?
परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 323वीं रिपोर्ट में रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) की सिफारिशों के प्रति रेलवे बोर्ड की लापरवाही की आलोचना की थी। रिपोर्ट में सीआरएस की कमी बताई गई थी, लेकिन सीआरएस को मजबूत करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।