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सहारनपुर। सहारनपुर से बसपा सांसद एवं मीट कारोबारी हाजी फजलुर्रहमान के आवास पर करीब 36 घंटों से इनकम टैक्स की छापेमारी चल रही है। तीन जनवरी से इनकम टैक्स की टीम ने आईटीबीपी के जवानों के साथ हाजी के करीब दो आवास, फैक्ट्री सहित पांच ठिकानों पर डेरा डाले हुए है।
सूत्रों के अनुसार, हाजी फजलुर्रहमान का मामला टैक्स चोरी के साथ-साथ बैंक से लिमिट बढ़ाकर पैसा गल्फ कंट्री में भेजा गया है। पैसों का आदान प्रदान भी बताया जा रहा है। जिसमें श्वष्ठ के बड़े अफसर भी शामिल बताए जा रहे हैं। हाजी फजलुर्रहमान सहित पूरा परिवार घर में कैद है।
दरअसल, एक सप्ताह पहले टीम ने लखनऊ, उन्नाव, बरेली और कानपुर में मीट कारोबारियों के ठिकानों पर रेड की थी। जिसमें करीब 900 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का मामला सामने आया था। मीट कारोबारियों ने टैक्स चोरी की बात भी कबूल की थी। जिसके बाद पूरी यूपी में मीट कारोबारी रडार पर आ गए। इसी प्रकार सहारनपुर से बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान भी रडार पर आने की बात कही जा रही है।
दरअसल, एक सप्ताह पूर्व आईटी की टीम ने लखनऊ, उन्नाव, बरेली और कानपुर में मीट कारोबारियों के ठिकानों पर रेड की थी। जिसमें करीब 900 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का मामला प्रकाश में आया था। मीट कारोबारियों ने टैक्स चोरी की बात भी कबूल की थी। जिसके बाद पूरी यूपी में मीट कारोबारी रडार पर आ गए। इसी प्रकार सहारनपुर से बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान भी रडार पर आने की बात कही जा रही है। हालांकि मामला गल्फ कंट्री में फैक्ट्री डालने का भी बताया जा रहा है। जिस कारण बैंक से करोड़ों रुपए की लिमिट बढ़वाई गई है। सूत्रों के अनुसार, सात माह पूर्व पंजाब के डेरा बसी में लगी फैक्ट्री को हाजी फजलुर्रहमान को सेल कर दिया था। वहीं हरोड़ा की फैक्ट्री को भी ठेके पर देकर चलाए जाने की बात सामने आ रही है।
बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान घर पर आईटी की टीम इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम से लैस है। सूत्रों के अनुसार, इस सर्विलांस सिस्टम से करीब 500 मीटर सर्किल का एरिया कवर रखा है। कई कॉल को टैपिंग पर लगाया गया है। सभी कॉल को रिकॉर्ड कर संदिग्ध काल की जांच भी की जा रही है। ऐसे में हाजी के करीबियों पर भी गाज गिर सकती है। आईटी का सर्विलांस सिस्टम इतना हाईटेक होता है, बंद फोन पर कॉल करने वाले की डिटेल आ जाती है।
बता दें इस तरह की कार्रवाई करने से पहले जिले की मीट फैक्ट्रियों में पशु कटान की क्षमता कितनी है, प्रतिदिन कितने पशु काटे जाते हैं, इन सबकी निगरानी होती है। अगर फैक्ट्रियों में क्षमता से अधिक कटान होता है तो इसका सीधा सा मतलब होता है कि चोरी-छिपे अघोषित आय बढ़ाई जा रही है। बताया जा रहा है की स्थानीय फैक्ट्री में पशु कटान की क्षमता 150 प्रतिदिन थी, लेकिन रोजाना 1800 से 2000 से अधिक पशु काटे जा रहे थे।
बता दें इन सबका ध्यान रखते हुए ही वित्तीय लेनदेन और सम्पत्तियों की खरीद आदि की जानकारी जुटाई जाती है। इस पूरी कवायद में टैक्स चोरी की पुख्ता जानकारी होने के बाद ही आयकर विभाग की टीमें कार्रवाई की है। इसमें सेल कंपनियां और बेनामी संपत्ति का ब्यौरा भी जुटाया गया है।
टीम ने फैक्ट्री और अन्य जगहों से सीसीटीवी भी बरामद किए है। वहीं सभी जगहों की हार्ड डिस्क कब्जे में लेकर खंगाली जा रही है। जिसमें पशुओं की गिनती भी की जा रही है। क्योंकि क्षमता से अधिक पशुओं को काटकर कम दर्शाए गए है।
इन ठिकानों पर चल रही सर्चिंग
आयकर विभाग की टीम ने तीन जनवरी को सुबह करीब 11 बजे बसपा सांसद के तीन घरों, दफ्तर और हरौड़ा में स्थित एएलएम मीट फैक्टरी पर छापे की कार्रवाई शुरू की थी। आईटीबीपी के जवानों ने बसपा सांसद के लिंक रोड स्थित दोनों घरों, दफ्तर और ढोलीखाल स्थित पुराने आवास की घेराबंदी कर रखी है। लिंक रोड पर गुरुवार को लोगों की आवाजाही काफी कम रही। मकानों के बाहर लोगों को आईटीबीपी के जवान खड़े नहीं होने दे रहे है।
स्थानीय अधिकारी भी आ सकते हैं रडार पर
मीट फैक्ट्री की हार्ड डिस्क लेकर आईटी की टीम जांच कर रही है। यदि फैक्ट्री में अनुमति से अधिक पशुओं का कटान हुआ है, तो लोकल अधिकारियों से भी पूछताछ हो सकती है। क्योंकि अनुमति से अधिक पशुओं का कटान फैक्ट्री संचालक ने लोकल अधिकारियों की मदद के बगैर तो नहीं किया होगा। ऐसे में पशु चिकित्सक और संबंधित विभाग के अधिकारी भी जांच घेर में आ सकते हैं।
कौन हैं हाजी फजलुर्रहमान
बता दें, कि हाजी फजलुर्रहमान ने पहली बार 2017 में बसपा के टिकट पर महापौर का चुनाव लड़ा था। जहां उनको चुनावी मैदान में बीजेपी के संजीव वालिया ने पटखनी दी थी। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बसपा ने उन पर भरोसा जताकर चुनाव लड़वाया। जहां उन्होंने भाजपा के सिटिंग एमपी राघव लखन पाल शर्मा को शिकस्त देकर सांसद बने थे।