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आने वाले दिनों में बढ़ सकती है मुख्तार की मुश्किल

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लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी को 7 साल की सजा के मामले में भले सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है, लेकिन आने वाले तीन महीने मुख्तार की मुश्किलों को और बढ़ाएंगे। कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या के मामले समेत चार मुकदमों में सुनवाई अंतिम चरण में है। तीन माह के अंदर इन मामलों में फैसला आने की उम्मीद है। अवधेश राय की 25 वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में इसी माह फैसला आने की उम्मीद है। इस मामले में कोर्ट मुख्तार को दोषी करार दे चुका है। अब 17 जनवरी को वाराणसी में इस मामले की सुनवाई है। माना जा रहा है कि 17 जनवरी को ही फैसला आ जाएगा। इसी हत्याकांड से जुड़े गवाह महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकाने के मामले में 3 जनवरी को सुनवाई है। इस मामले में भी अभियोजन विभाग ने मुख्तार को सजा करवाने के लिए ताकत झोंक दी है।
लखनऊ में भी जिला जेल के अधिकारियों और बंदीरक्षकों को धमकाने के मामले में 6 जनवरी को सुनवाई होनी है। अभियोजन विभाग द्वारा अभी तक की गई पैरवी और पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में भी मुख्तार को सजा होने की उम्मीद जताई जा रही है। 1999 में आगरा जेल में बंद रहने के दौरान फर्जी नाम-पते पर सिम खरीदने, जेल में मोबाइल रखने और जेल के कर्मचारियों की मिलीभगत से जेल से ही आपराधिक गतिविधियों को संचालित करने के मुकदमे में 6 जनवरी को अदालत में साक्ष्य पेश किए जाने हैं। इस मामले में तत्कालीन डीएम आलोक रंजन के बयान दर्ज हो चुके हैं।
बलरामपुर के बाहुबली रिजवान जहीर पर भी सजा का संकट गहरा रहा है। आमरण अनशन और आत्महत्या के प्रयास के मामले में छह जनवरी को बहस होनी है। यह केस अंतिम चरण में है। भदोही के बाहुबली विजय मिश्रा के खिलाफ विधि विरुद्ध भीड़ जुटाने, शांति भंग व जान-माल की धमकी दिए जाने के मामले में भी चार जनवरी को सुनवाई है। अगले तीन माह में छह माफिया के खिलाफ 11 मुकदमों में सजा करवाने के लिए अभियोजन विभाग पैरवी कर रहा है।

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