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बाइक बोट घोटाले में ईडी ने एक दर्जन कंपनियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

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नई दिल्ली। 15 हजार करोड़ के बाइक बोट घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 12 कंपनियों के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इन कंपनियों के माध्यम से ठगी की रकम ठिकाने लगाई गई थी। जिसके लिए सैकड़ों बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया था। इस रकम से करोड़ों की संपत्तियों की खरीद-फरोख्त भी की गई।
बाइक बोट कंपनी में मोटरसाइकिलों में निवेश के नाम पर देशभर में निवेशकों से धन लिया गया। तय शर्तों के अनुसार 62 हजार रुपए निवेश करने पर एक साल तक प्रति माह 9500 रुपए मिलेंगे। निवेशकों को उनके निवेश के अनुपात में एक निश्चित रकम दी जानी थी। यह रकम शुरू में कुछ माह तक उन्हें दी गई और बाद में कंपनी ने रकम देनी बंद कर दी। इस कंपनी में लाखों निवेशकों ने हजारों करोड़ रुपए लगाए थे। कई राज्यों में निवेशकों की शिकायत पर पुलिस, ईओडब्ल्यू और ईडी ने जांच शुरू की। कंपनी का ऑफिस दादरी में खोला गया था। इस मामले की जांच ईडी द्वारा की जा रही है।
ईडी की माने तो बाइक बोट घोटाले में निवेशकों से आने वाले रुपए 100 से अधिक बैंक खातों में जमा होते थे। उक्त खाते विभिन्न कंपनियों के नाम पर खुले थे। इनमें आई ठगी की रकम को अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। ठगी की रकम को अचल संपत्तियों के अधिग्रहण, निर्माण, व्यक्ति, संस्थाओं, ट्रस्ट, सोसाइटी और शेल कंपनियों में भी स्थानांतरित किया गया। ईडी ने ऐसी 12 कंपनियों के नाम अपनी चार्जशीट में शामिल किए हैं। यह चार्जशीट विशेष न्यायालय में दायर की गई है।
ईडी की चार्जशीट में इन कंपनियों का नाम
चार्जशीट में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड, इंडिपेंडेंट टीवी लिमिटेड, पेंटल टैक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, पिमेक्स प्लास्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रेरणा सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, पिमेक्स ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड, मार्स इनविरोटैक प्राइवेट लिमिटेड, एक्सल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, पेंटल मॉडिलिटी हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, भसीन इंफ्रोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, नोबल बिल्डटेक एलएलपी और साहा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड हैं।
तीन साल पहले गिरफ्तार मनोज त्यागी को जमानत मिली
ईडी ने इस मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी दिसंबर 2020 में हापुड़ के पिलखुवा से मनोज त्यागी की थी। वह मैसर्स एफ7 ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पूर्व निदेशक है। मनोज त्यागी इस प्रकरण में लंबे समय से जेल में था। उसे कुछ समय पहले ही हाईकोर्ट से जमानत मिली है। बाइक बोट प्रकरण में ईडी ने अभी तक दो गिरफ्तारी की हैं, जिनमें पहली मनोज त्यागी की और दूसरी गिरफ्तारी सपा नेता दिनेश सिंह की है। मनोज त्यागी को बाइक बोट घोटाले में सबसे अहम माने जाने वाले बिजेंद्र हुड्डा का करीबी माना जाता है। बिजेंद्र हुड्डा के खिलाफ भी ईडी कोर्ट में चार्जशीट दे चुकी है।
पांच लाख की इनामी दीप्ति और भूदेव अब भी फरार
इस मामले में पहला मुकदमा 12 जनवरी 2019 को दादरी थाने में दर्ज हुआ। जून 2019 में बाइक बोट कंपनी के मालिक संजय भाटी की गिरफ्तारी हुई। बाइक बोट घोटाले में देशभर में 250 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। मामले में प्रर्वतन निदेशालय ने 216 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच की। मेरठ की आर्थिक अपराध शाखा ने 119 मुकदमों में 30 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। फर्जीवाड़े में पांच-पांच लाख के दो इनामी दीप्ति बहल और भूदेव अब भी फरार हैं।

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