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नई दिल्ली। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में हालात खराब है, भूस्खलन से कई सडक़ें बंद हो गई हैं। इसी बीच मौसम विभाग ने देश के कई राज्यों में आज भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। जिसे लेकर विभाग ने कई स्थानों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सोमवार को आसमान में बादल छाए रहेंगे। इसके साथ ही कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की भी उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अपने वेदर बुलेटिन में कहा है कि 14 अगस्त को उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। जिसे देखते हुए सोमवार के लिए उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं हिमाचल प्रदेश में भी आज कई जगहों पर हल्की और छिटपुट बारिश और कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम उत्तर प्रदेश, झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अलावा दक्षिण भारत में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, झारखंड, ओडिशा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के साथ-साथ तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में कई स्थानों पर बिजली गिरने और गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में स्थित है। जो अगले 4-5 दिनों के दौरान अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में या हिमालय की तलहटी में होने की संभावना है। उसके बाद ये धीरे-धीरे दक्षिण की ओर अपनी सामान्य स्थिति के साथ बढ़ सकता है। इसके अलावा एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्वी बांग्लादेश और उसके आसपास के इलाके पर मौजूद है। जिसके निचले क्षोभमंडल स्तर में एक ट्रफ बना हुआ है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जो समुद्र तल से 5।8 किमी ऊपर मौजूद है। जिसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। आईएमडी के मुताबिक, पश्चिम मध्य और आसपास के दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम अरब सागर में 45-55 किमी। प्रति घंटे से लेकर 65 किमी। प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। जिसके चलते विभाग ने इन इलाकों में मछुआरों को न जाने की सलाह दी है।
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