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नई दिल्ली। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास रेलवे की जमीन पर जारी बुलडोजर के एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। यहां रेलवे द्वारा अवैध बस्तियों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा था और अभी तक करीब 100 मकान तोड़े गए थे। बुधवार को हुई सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने बुलडोजर चलाने पर अगले 10 दिन के लिए रोक लगा दी है, जबकि इस मामले की अगली सुनवाई 7 दिन के बाद होगी।
सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की पीठ के सामने जब इस मसले की सुनवाई शुरू हुई, तब याचिकाकर्ता की ओर से अपील की गई थी कि रेलवे ने अभी तक यहां 100 से अधिक घरों को तोड़ दिया है, यहां 70-80 घर बचे हैं लेकिन इसपर तुरंत लोग लगनी चाहिए। याचिकाकर्ता की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर 10 दिन की रोक लगाई और केंद्र, राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। अब इस मसले पर 7 दिन बाद जब सर्वोच्च अदालत में सुनवाई होगी, तब सरकारों के पक्ष को सुना जाएगा।
दरअसल, मथुरा से वृंदावन की रेलवे लाइन ब्रॉडगेज में तब्दील की जा रही है, इसी वजह से रेलवे यहां अवैध रूप से बसी बस्ती को हटाने का काम कर रहा है। रेलवे का कहना है कि उसे 30 मीटर जगह खाली करवानी है और वह महीनों पहले ही मकान मालिकों को नोटिस दे चुका है। नोटिस जारी करने के बाद रेलवे अतिक्रमण हटाने भी पहुंचा था, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से एक्शन नहीं ले पाया।
हालांकि बीते हफ्ते जब सुरक्षाबल के साथ रेलवे की टीम पहुंची तब उसने घरों को ढहाना शुरू किया, इसी के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। रेलवे के एक्शन को देखते हुए कई लोगों ने अपने घरों को खुद ही तोडऩा शुरू किया और सामान हटाया। रेलवे ने भी अपील की थी कि बुलडोजर से अधिक नुकसान होगा, ऐसे में जिन्हें नोटिस मिले हैं वह खुद हटना शुरू कर दें।