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नई दिल्ली। होटलों और रेस्टोरेंट में फिलहाल उपभोक्ताओं को सेवा शुल्क से राहत नहीं मिलेगी, दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी की याचिका पर आज सुनवाई टल गई है. दरअसल पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने सर्विस शुल्क वसूलने पर रोक संबंधी सिंगल जज के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. आज सुनवाई टलने से साफ है कि होटलों और रेस्टोरेंट में उपभोक्ताओं से सर्विस चार्ज की वसूली फिलहाल जारी रहेगी.
दरअसल जुलाई की शुरुआत में सरकार ने एक दिशानिर्देश जारी किया था जिसमें होटल और रेस्तरां को खाने के बिल पर खुद-ब-खुद सेवा शुल्क लेने से मना किया गया था. हालांकि एकल न्यायाधीश की पीठ ने भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई) और फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश जारी किया था जिसमें चार जुलाई को जारी इस दिशानिर्देश पर रोक लगायी गयी है. यानि होटल और रेस्टोरेंट अगले आदेश तक सेवा शुल्क वसूल सकते हैं. इस मामले में सीसीपीए ने रोक को हटाने के लिए कोर्ट का रुख किया था. मामले में आज सुनवाई होनी थी लेकिन अब वो टल गई है. दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी.
रेस्तरां संगठनों की तरफ से कहा गया कि सेवा शुल्क कोई सरकारी कर नहीं है और यह रेस्तरां में काम करने वाले कर्मचारियों के लाभ के लिए वसूला जाता है. वहीं सरकार ने साफ कहा है कि रेस्तरां अपने बिल में अलग से कोई रकम नहीं जोड़ सकते. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि एक आम आदमी रेस्तरां में वसूले जाने वाले सेवा शुल्क को सरकार की तरफ से लगाया गया कर ही समझता है. ऐसी स्थिति में अगर होटल एवं रेस्तरां ग्राहक से अधिक राशि वसूलना चाहते हैं तो वे अपने यहां परोसे जाने वाले खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ा सकते हैं. वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से सेवा शुल्क को लेकर जारी दिशानिर्देश पर रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश से राहत के लिये एकल न्यायाधीश की पीठ से संपर्क करने को भी कहा है.