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नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा आज बुधवार को जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों से मिलने पहुंची हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान पीटी उषा ने धरने पर बैठे खिलाडिय़ों से बातचीत कर उन्हें मनाने का प्रयास किया। हालांकि अभी खिलाड़ी इस बारे में बात नहीं कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले पीटी उषा ने पहलवानों के प्रदर्शन को अनुशासनहीनता बताया था। पीटी उषा ने बीते गुरुवार को भारतीय ओलंपिक संघ की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद कहा था कि पहलवानों का सडक़ों पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है।
अपने इस बयान लेकर वह घिर गई थीं। खिलाडिय़ों सहित राजनीतिक दलों के कई नेताओं ने उनके बयान की आलोचना की थी। इसके अलावा पीटी उषा ने भारतीय कुश्ती संघ को चलाने के लिए तीन सदस्यों का एक पैनल बनाने की बात कही थी।
गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा के लोकसभा सदस्य बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पहलवानों का धरना आज 11वें दिन भी जारी है।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पॉक्सो और छेडख़ानी के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद धरने पर बैठे पहलवान उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहै हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एक नाबालिग समेत 7 महिला खिलाडिय़ों की शिकायत के बाद यह केस दर्ज किया गया है।
कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी सदस्य एवं उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव भी मंगलवार को जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को समर्थन देने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने धरना दे रहे पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया समेत अन्य पहलवानों के साथ बात की।
इस दौरान पहलवानों को अपना समर्थन देते हुए देवेंद्र यादव ने कहा था, आज हमारे भाई, हमारी बहन, हमारी बेटियां जंतर मंतर पर न्याय के लिए बैठे हैं। अगर उन्हें न्याय नहीं मिल रहा तो देश के स्वाभिमान को लेकर इससे बड़ी साजिश कोई नहीं हो सकती।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आम आदमी पार्टी पर पहलवानों के समर्थक होने का नाटक करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आप सरकार का खिलाडिय़ों से किसी तरह की हमदर्दी नहीं है। वह सिर्फ मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत व साज सज्जा के विवाद से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए जंतर-मंतर पर धरना देने वाले पहलवानों को समर्थन देने की बात कर रही है। आप को बताना चाहिए कि दिल्ली में सत्ता में आने के बाद उसने खेल को बढ़ावा देने और खिलाडिय़ों के हित क्या कदम उठाए हैं?
उन्होंने सरकार पर खेल फेडरेशनों को दी जाने वाली मदद रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहली की सरकार अखाड़ों के विकास के लिए आर्थिक मदद करती थी। इस सरकार ने आर्थिक मदद पर रोक लगा दी। खिलाडिय़ों की समस्या दूर करने को लेकर भी यह सरकार गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि महिला पहलवान दिव्या काकरान का उदाहरण सभी के सामने है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में कई पदक जीतने वाली दिव्या को इस सरकार से कोई मदद नहीं मिली। इस कारण वह भारी मन से दिल्ली छोडक़र उत्तर प्रदेश चली गई।