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पुणे। बेरोजगारी को लेकर देश के दिग्गज नेता शरद पवार का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने इसे लेकर केंद्र व महाराष्ट्र की भाजपा सरकारों को आड़े हाथों लिया। राकांपा प्रमुख पवार ने पुणे में कहा कि बेरोजगारी के कारण सामाजिक समस्याएं पैदा हो रही हैं। शादी योग्य युवकों को नौकरियां नहीं होने के कारण दुल्हनें नहीं मिल रही हैं।
पुणे में राकांपा की जन जगार यात्रा को हरी झंडी दिखाने से पहले पवार ने आरोप लगाया कि महंगाई व बेरोजगारी जैसे असल मुद्दों की ओर से ध्यान हटाने के लिए समुदायों के बीच दरार पैदा की जा रही है।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि आज का युवा शिक्षित हैं और उसे नौकरी मांगने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि उद्योग महाराष्ट्र से बाहर जा रहे हैं। मौजूदा उद्योगों को कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा है और नए व्यवसाय स्थापित करने के लिए कोई अवसर नहीं दिया जा रहा, इससे बेरोजगारी बढ़ रही है।
राकांपा नेता पवार ने अपने भाषण में कहा कि वे एक बार अपनी यात्रा के दौरान एक गांव के चौराहे पर 25 से 30 साल के 15 से 20 युवकों के बीच पहुंचे। उनसे पूछा कि उन्होंने क्या पढ़ाई की है? कुछ ने कहा कि वे स्नातक हैं तो कुछ ने कहा कि वे स्नातकोत्तर हैं। जब उनसे पूछा कि क्या वे शादीशुदा हैं, तो सभी ने ना कहा। शादी नहीं होने की वजह पूछी तो युवकों ने कहा कि कोई भी उन्हें दुल्हन देने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उनके पास कोई नौकरी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह समस्या महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा सुनी जा रही है।
पवार ने कहा कि रोजगार को बढ़ावा देने की नीतियों अपनाने के बजाय समुदायों और धर्मों के बीच विभाजन पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने के लिए बेतरतीब ढंग से कुछ मुद्दे बनाए जाते हैं। वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि वे उन वादों को पूरा नहीं कर पाए हैं जो चुनाव के दौरान किए थे।
पवार ने कहा कि देश में भुखमरी के मुद्दे का समाधान संभव है क्योंकि किसानों ने उत्पादन बढ़ाया है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग किसानों को उचित मूल्य देने को तैयार नहीं हैं, बल्कि वे बिचौलियों के हितों की रक्षा कर रहे हैं और आम लोगों को महंगाई की खाई में धकेल रहे हैं।