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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज पं0 दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम विकास संस्थान बक्शी का तालाब लखनऊ में 21वीं पशुगणना की तैयारी के अन्र्तगत एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में देश के 03 राज्यों यथा उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के राज्य एवं जनपदीय नोडल अधिकारियों को संयुक्त रूप से प्रशिक्षण प्रदान कर मास्टर्स ट्रेनर तैयार किये जायेगें। इस कार्यक्रम में कुल 175 पशुचिकित्साविदों, संख्याधिकारियों तथा नोडल अधिकारियों ने भारत सरकार, मत्स्य, पशुपालन मंत्रालय के सहयोग से आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस अवसर पर धर्मपाल सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल प्रतिनिधि पशुगणना की तकनीक को अपनाते हुए पशुगणना अभियान को सफल एवं उपयोगी बनायें। भारत कृषि प्रधान देश है। पशु पालन अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पशुपालन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलती है, जो किसान व पशुपालको के जीवन स्तर को बेहतर बनाने मे मदद भी करती है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ होने पर प्रदेश की अर्थव्यव्स्था को 01 ट्रिलियन डालर बनाने मे महत्वपूर्ण योगदान होगा। पशुधन विकास मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की 75 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर है। 70 प्रतिशत आबादी खेती, पशुपालन व मज़दूरी करती है। पशुपालन मे विशेष रूप से मत्स्य, बकरी, सूअर व भेड़ पालन करते है। दूध अन्डा मनुष्य की भोजन की पूर्ति के साथ-साथ नियमित आय के साधन है तथा यह ग्रामीण अर्थव्यव्था को मजबूती प्रदान कर लोगों को आत्मनिभर बनाते है। उन्होंने बताया कि वास्तविक आकड़े प्राप्त होने पर पशुओं के लिए नीतियांे एवं कार्यक्रम बनाने मे सुविधा होगी। प्रमुख सचिव पशुधन रविंद्र ने कहा कि 20वीं पशुगणना की भांति इस बार भी पशुगणना NDLM (National Digital Livestock Mission) द्वारा विक्सित एंड्रोइड एप पर कराई जानी है, जिसके अंतर्गत NBAGR (National Bureau Of Animal Genetic Resources) द्वारा पंजीकृत Breed के अनुसार नस्लवार पशुगणना की जाएगीी। भारत सरकार द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सम्पूर्ण देशमें एक साथ माह सितम्बर से दिसंबर 2024 के मध्य पशुगणना का कार्य किया जाना है। भारत सरकार के सलाहकार (सांख्यकीय) जगत हजारिका ने कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद पशुगणना प्रारम्भ की जायेगी। प्राप्त डाटा को देश के साथ-साथ इसका ग्लोबल उपयोग भी किया जायेगा।