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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। लखनऊ विश्वविद्यालय के जन्तु विज्ञान विभाग में बीएससी सेमेस्टर और एमएससी सेमेस्टर प्रथम के छात्र-छात्राओं के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। विभागाध्यक्षा प्रो0 संगीता रानी ने विद्यार्थियों का स्वागत किया और संकाय सदस्यों का परिचय कराया। प्रो0 ओमकार ने शिक्षण के तरीकों और गूूगल की तुलना में शिक्षाविदों में पुस्तकों के महत्व के बारे में जानकारी दी। विभाग की वरिष्ठतम प्रोफेसर प्रो0 निरूपमा अग्रवाल ने विभाग के पूर्व विभागाध्यक्षों, शिक्षकों और उनके महत्वपूर्ण योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं एसोसिएट प्रोफेसर डा0 आशीष कुमार ने एक विषय के रूप में जन्तु विज्ञान की झलक दी और संग्रहालय का एक आभासी दौरा कराया।जिसमें परिरक्षित जन्तु, टैक्सीडर्मीड जन्तु और कंकाल शामिल हैं। पुस्तकालय, कक्षाओं, केन्द्रीय प्रयोगशाला, सुविधा, कम्प्यूटर सुविधा, सभागार और समिति कक्ष का दौरा आयोजित किया गया।
वहीं दूसरी ओर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग में परास्नातक प्रथम सेमेस्टर के छात्रों के लिए अभिमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें विभाग के सभी शिक्षक उपस्थित थे। इस अवसर पर प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर पीयूष भार्गव ने छात्रों को विभाग के पूर्व अध्यक्षों के बारे में बताया। विभाग 1952 से शुरू हुआ इसका उल्लेख उन्होंने किया। उपस्थित छात्रों को प्राचीन भारतीय इतिहास विषय के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया और उनको उत्साहित भी किया गया। उन्हें यह बताया गया कि इस विषय से परास्नातक के पश्चात भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, विभिन्न राज्यों के पुरातत्व विभाग, राष्ट्रीय और राज्य संग्रहालय में नियुक्ति योग्यता के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त संघ लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न पदों के लिए जो नियुक्तियां निकलती है उनमें भी यह विषय बहुत सहायता करता है।