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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, लेकिन बीजेपी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। बीजेपी की फायरब्रांड नेता और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। एक के बाद एक ट्वीट कर उमा भारती ने ‘जन-आशीर्वाद यात्रा’ में शामिल होने के लिए न्योता नहीं मिलने पर गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने अब साफ कर दिया है कि अब मुझे बुलाया भी गया तो भी मैं यात्रा में शामिल नहीं जाऊंगी। उमा का ये बयान अब बीजेपी के गले की फांस बन गया है।
उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा है, मुझे जन आशीर्वाद यात्रा के लिए न्योता नहीं मिला। यह सच्चाई है कि ऐसा मैंने कहा है, लेकिन निमंत्रण मिलने या ना मिलने से मैं कम ज्यादा नहीं हो जाती। हां अगर अब मुझे निमंत्रण दिया गया तो मैं कही नहीं जाऊंगी। मैं 25 सितंबर के समापन समारोह में भी शामिल नहीं होऊंगी। हालांकि उमा भारती ने एक अन्य ट्वीट में साफ किया है कि शिवराज के प्रति मेरे मन में स्नेह की डोर अटूट और मजबूत है। शिवराज जहां भी मुझे चुनाव प्रचार के लिए बुलाएंगे, मैं उनकी बात मानकर प्रचार कर सकती हूं। जिनके खून पसीने से बीजेपी बनी है, मैं उन लोगों में से हूं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पत्र को लेकर भी उमा भारती ने स्थिति साफ की। उन्होंने दो टूक कहा कि मैंने निश्चित रूप से केंद्र और राज्य के नेताओं से मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों पर विचार विमर्श किया है, लेकिन मुझे कोई लिस्ट बनाकर देने की जरूरत नहीं है। बीजेपी का हर उम्मीदवार मेरा है। दरअसल सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि उमा भारती की ओर से एमपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें उमा भारती ने अपने समर्थकों के लिए टिकट की डिमांड की थी।
बता दें कि उमा भारती ने अपनी मां बेटी बाई के नाम पर ‘माता बेटी बाई वेलफेयर’ के नाम से एक संस्था बनाई हैं। संस्था के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उमा भारती ने बीजेपी सरकार की व्यवस्थाओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम सब नेताओं को, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों, मुख्यमंत्री और सभी अधिकारियों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराना चाहिए। साथ ही बच्चों को पढऩे के लिए सरकारी स्कूल में भेजना चाहिए। तभी इन व्यवस्थाओं में सुधार हो पाएगा।
उमा भारती ने यह भी कहा कि शादियों की फिजूल खर्ची और हमारे नेताओं का 5 स्टार होटलों में रुकना गलत है। पीएम मोदी भी इस तरह की जीवनशैली को सख्त नापसंद करते हैं। मैं आगे भी यह बातें कहती रहूंगी। हम गांधी जी, दीनदयाल जी और पीएम मोदी की सीखों की अनदेखी नहीं कर सकते।