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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल से आज राजभवन में बैच 2022 के 116 नवनियुक्त सिविल न्यायाधीशों और न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के अधिकारियों ने मुलाकात की। राज्यपाल ने न्यायाधीशों के प्रशिक्षण अनुभवों को जाना और उनके साझा अनुभवों पर प्रसन्नता व्यक्त की।
राज्यपाल ने कहा कि न्यायपालिका में प्रवेश के साथ उनकी जिम्मेदारी पीड़ितों और परेशान लोगों की समस्याओं को हल करना है। उन्होंने सभी को अपने पद की गरिमा के अनुरूप संवेदनशीलता और निष्पक्षता से कार्य करने की प्रेरणा दी। राज्यपाल जी ने कहा कि न्यायाधीश गांवों में जाकर समस्याओं को सुनें और समाधान दें ताकि कोर्ट तक जाने की आवश्यकता न पड़े। उन्होंने गुजरात में लागू “नारी अदालत“ का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे महिलाएं स्थानीय विवादों को सुलझाकर अदालतों पर भार कम कर सकती हैं। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘तीर्थ ग्राम‘ जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में झगड़े कम करने में सहायक हैं। उन्होंने बताया कि तीर्थ ग्राम योजना ग्रामीण समुदायों में एकता और समग्र विकास को बढ़ावा देती है, जिससे गांवों में सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक सुधार हो सके। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आपसी सहयोग और मिलजुल कर काम करने की भावना को प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे झगड़े कम होते हैं और समाज में शांति व विकास को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने न्यायाधीशों को बाल विवाह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और स्कूलों में जाकर बच्चों को छोटे-छोटे कानून सिखाने की जिम्मेदारी सौंपी ताकि वे अपने अधिकारों को समझ सकें और ड्रॉप आउट कम हो। राज्यपाल जी ने न्यायाधीशों से अपेक्षा की कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें।