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राजभवन में कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य का स्थापना दिवस समारोह सम्पन्न

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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज राजभवन में कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों के स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति पर आधारित लोक नृत्य की प्रस्तुति के साथ-साथ राज्यों की सांस्कृतिक विविधता एवं अद्यतन विकास पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन भी किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि सामान्यतः दक्षिण भारत की संस्कृति को जानने का प्रयास कम होता है और इस तरह के कार्यक्रमों से इन राज्यों की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को जानने का अवसर मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न प्रदेशों के युवा विद्यार्थीगण परस्पर एक-दूसरे राज्य में जाकर वहाँ की भाषा और संस्कृति सीखते हैं, जिससे ’एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करने में मदद मिलती है।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों को जानें, क्योंकि जब तक हम विभिन्न भाषाएं नहीं सीखेंगे, हम क्षेत्रीय साहित्य और ज्ञान तक नहीं पहुंच सकते। उन्होंने अपनी भाषा का महत्व समझने की आवश्यकता पर भी बल दिया। कार्यक्रम में कर्नाटक और तमिलनाडु के लोक नृत्यों की ऊर्जावान प्रस्तुति करने वाले कलाकारों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कलाकारों की अभिव्यक्तियों और भावभंगिमाओं से उनके संदेश को समझने का अवसर मिलता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे इन कलाकारों की मुद्राओं और भाषाओं को सीखें, जो सांस्कृतिक अध्ययन का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने तमिलनाडु में स्थित ‘विवेकानंद स्टैचू‘ को महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केन्द्र बताया और ‘काशी तमिल‘ समागम का उल्लेख करते हुए कहा कि इन स्थलों से लोगों को एकजुट करने और हमारी साझा संस्कृति को समझने का अवसर मिलता है। उन्होंने तमिलनाडु के विश्व धरोहर स्थल महाबलीपुरम का भी जिक्र किया, जहाँ पाँच पांडवों का मंदिर स्थित है। राज्यपाल जी ने रामेश्वरम, कांचीपुरम और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों को दर्शनीय तथा ऐतिहासिक बताया। रामेश्वरम और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम जी की चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि रामेश्वरम न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह हमारे देश के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि डॉ0 कलाम को ’मिसाइल मैन’ के रूप में जाना जाता है और उनके योगदान से भारत की सामरिक शक्ति सुदृढ़ हुई। राज्यपाल ने कर्नाटक राज्य की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मैसूर महल एक स्वर्ण महल था, जो कर्नाटक की ऐतिहासिक महिमा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत में विशेषकर कर्नाटक और तमिलनाडु में लड़कियों को कला और संस्कृति सिखाने पर जोर दिया जाता है। राज्यपाल जी ने कर्नाटक के प्रसिद्ध लोक नृत्य शिव तांडव की भी चर्चा की और उसके ऐतिहासिक महत्व को बताया।

 

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