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मजबूर किसान सडक़ों पर फेंक रहे आलू

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आलू का भाव काफी नीचे गिर गया है। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में किसानों ने सडक़ों पर आलू फेंकना शुरू कर दिया है। कुछ इसी तरह का ताजा मामला कानपुर जिले के शिवराजपुर क्षेत्र में सामने आया है। यहां पर सडक़ किनारे 40 बोरी आलू फेंका हुआ मिला है। वहीं, मामला उजागर होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच कराने की बात कही है।
किसानों का कहना है कि जिले में अब कोल्ड स्टोर के अंदर जगह नहीं है। ऐसे में आलू फेंकने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है। शिवराजपुर के भैसाऊ गांव में बुधवार को पुराना डायट भवन के सामने सडक़ किनारे करीब 40 बोरी आलू पड़ा मिला है। कहा जा रहा है कि बंपर उपच के चलते मंडियों में आलू की आवक ज्यादा हो गई , जिससे आलू की कीमत 2-3 रुपये प्रति किलो तक गिर गई है। ऐसे में पिछले साल के मुकाबले 500 रुपये क्विंटल तक सस्ता हो गया। यही वजह कि किसान अब सरकार से आलू को एमएसपी के दायरे में लागने की मांग कर रहे हैं।
वहीं, जिला उद्यान अधिकारी दिग्विजय सिंह ने बताया कि जिले में 80 से अधिक कोल्ड स्टोरेज हैं, लेकिन अभी तक जिले के किसी भी कोल्ड स्टोरेज में जगह की कमी की जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, किसानों का कहना है कि जिले के लगभग सभी कोल्ड स्टोर फुल हो चुके हैं। ऐसे में आलू को स्टोर करने के लिए उनके पास कोई साधन नहीं है। इसके चलते किसान सडक़ों पर हजारों किलोग्राम आलू डंप करने के लिए मजबूर हो गए हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिल्हौर के किसान जगदीश ने कहा कि हमें 2 रुपये किलो भी आलू का भाव नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पास की सब्जी मंडियों के व्यापारी 3 रुपये किलो आलू खरीद रहे हैं, लेकिन हमारे पास मंडी ले जाने के लिए पैसे नहीं हैं। वहीं, किसान संग्राम शुक्ला ने कहा कि जिले के गांवों में भंडारण की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में किसान एक से डेढ़ लाख क्विंटल से अधिक आलू डंप करने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने एक सप्ताह के भीतर कोई कदम नहीं उठाया तो आलू खराब होने लगेगा।
हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने आलू के लिए एमएसपी की घोषणा की है, लेकिन जमीन पर इसका असर नहीं देख रहा है। वहीं, किसानों की शिकायत के बाद जिलाधिकारी विशाखजी अय्यर ने कहा कि सभी कोल्ड स्टोरेज मालिकों को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर ही आलू भण्डारण के लिए किराया लेने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सामान्य आलू भण्डारण 230 रुपये प्रति क्विंटल और चीनी मुक्त आलू भंडारण के लिए 260 रुपये प्रति क्विंटल की दर तय की है।

 

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