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लखनऊ/ बदायूँ ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः जिला स्वच्छता समिति की बैठक में जिलाधिकारी श्रीमती निधि श्रीवास्तव का पारा उस समय चढ़ गया, जब उन्हें बैठक के दौरान यह पता चला कि विकासखंड उझानी के ग्राम पंचायत मलिकपुर में गोबर्धन का निर्माण करने वाली कम्पनी मैसर्स आनंद बायोटेक लिमिटेड के द्वारा अनुबंध के अनुसार उन्हें जनवरी 25 तक संचालन किया जाना था, बावजूद इसके कंपनी ने सिर्फ अगस्त 24 तक की संचालन किया, जिस पर डीएम ने नारजगी जताते हुये कम्पनी को काली सूची में डालने व उनकी सिक्योरिटी को जब्त करने के लिए कहा।
जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में जिला स्वच्छता समिति व जिला स्वच्छ भारत मिशन मैनेजमेंट कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ग्रामों में स्थापित किए गए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र (आर0आर0सी0) को एक माह में कम से कम 30 प्रतिशत क्रियाशील करें। सामुदायिक शौचालय के केयरटेकर के मानदेय का भुगतान 05 दिनों में करने तथा विकासखंड उझानी के ग्राम पंचायत मलिकपुर में गोबर्धन का निर्माण करने वाली कम्पनी को काली सूची में डालते हुए उनकी सिक्योरिटी को जब्त करने के लिए कहा। जो बीडीओ व एडीओ पंचायत कार्य नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सचिव जिला स्वच्छता समिति व जिला पंचायत राज अधिकारी यावर अब्बास ने किए गए कार्यों पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 1037 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 997 ग्राम पंचायतों में आरआरसी का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। 05 ग्राम पंचायतों में कार्य निर्माणाधीन तथा 26 ग्राम पंचायतों में शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा। 09 ग्राम पंचायतों में भूमि चिन्हांकन व उपलब्ध न होने के कारण आरआरसी निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि अभी तक स्थापित किए गए 997 आरआरसी में से 48 संचालित हैं। उन्होंने गत 30 नवम्बर को हुई बैठक की अनुपालन आख्या भी समिति के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन पोर्टल पर जनपद में 68854 व्यक्तिगत शौचालयों में से 98.1 प्रतिशत की जियो टैगिंग करा दी गई है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस दो के अंतर्गत व्यक्तिगत शौचालय के लक्ष्य 49629 के सापेक्ष 49629 को प्रथम किश्त दी जा चुकी है व 47297 को द्वितीय किश्त भी उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 व 2024-25 में ओडीएफ प्लस के लिण् चयनित ग्रामों में कराए जाने वाले कार्यों पर किए गए व्यय प्रतिशत के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 98.63 प्रतिशत, 2023-24 में 81.69 प्रतिशत तथा 2024-25 में अभी तक 57.93 प्रतिशत ही व्यय हो पाया है। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों व एडीओ पंचायत को व्यय को बढ़ाने के लिए कहा। जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि विकासखंड उझानी के ग्राम पंचायत मलिकपुर में गोबर्धन का निर्माण करने वाली कम्पनी मैसर्स आनंद बायोटेक लिमिटेड के द्वारा अनुबंध के अनुसार उन्हें जनवरी 25 तक संचालन किया जाना था उन्होंने मात्र अगस्त 24 तक की संचालन किया, जिस पर डीएम ने कम्पनी को काली सूची में डालने व उनकी सिक्योरिटी को जब्त करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि बैठक में प्रचार प्रसार व अन्य माध्यमों के लिए किए जाने व्यय की भी अनुमति ली गई साथ ही प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र पर भी चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि मार्च 2025 तक जनपद की 1037 ग्राम पंचायतों में से 111 द्वारा ही सामुदायिक शौचालय के केयरटेकर के मानदेय का भुगतान किया गया है, जिस पर जिलाधिकारी ने आगामी 05 दिनों में शेष केयरटेकर्स के मानदेय का भुगतान करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी,सहायक विकास अधिकारी पंचायत, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी व समिति सदस्य मौजूद रहे।