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नई दिल्ली। सहारा-सेबी विवाद के 24000 करोड़ के फंड पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका को मंजूर कर लिया है। दरअसल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में सरकार ने कहा था कि सहारा-सेबी के 24000 करोड़ के कुल फंड में से 5000 करोड़ का आवंटन तुरंत किया जाए ताकि सरकार निवेशकों को उनका पैसा लौटा सकें।
अब सरकार की याचिका मंजूर होने के बाद करीब 1.1 करोड़ निवेशकों को उनका पैसा मिलने का रास्ता साफ हो गया। वहीं सहारा के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट से सहारा के एक करोड़ निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए आदेश दिया है कि निवेशकों की ओर से जमा किये गये 24000 हजार करोड़ रुपये में से 5000 करोड़ रुपये तुरंत वापस किए जाएं। इन 5000 करोड़ रुपए को करीब 1।1 करोड़ निवेशकों को दिया जाएगा। इससे पहले कल बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह की रियल एस्टेट कंपनी से 6.57 करोड़ रुपए की वसूली कर ली थी। दरअसल ये बकाया ग्रुप के मुखिया सुब्रत राय और अन्य बकायेदारों से वसूल किया गया है।
इससे पहले पिछले साल जून में सहारा 6 करोड़ का भुगतान करने में विफल रहा था। जिसके चलते सेबी ने कुर्की और वसूली प्रक्रिया को शुरू कर दिया था। अब उम्मीद है कि निवेशको को उनका पैसा जल्द मिल सकेगा। दरअसल सहारा का ये विवाद काफी पुराना है। सहारा का स्कैम सहारा ग्रुप की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन से जुड़ा है। मामला 30 सितंबर 2009 की है जब सहारा ने के लिए सेबी में आवेदन किया और गलत तरीके से निवेशकों से 24000 करोड़ की रकम जुटाई। सेबी ने इसमें कई गलतियां पाई जिसके बाद से ये जांच का विषय बन गया। मामला सामने आने के बाद सेबी ने सहारा की दोनों कंपनियों को पैसा न जुटाने का आदेश दे दिया और साफ कर दिया कि निवेशकों को उनका पैसा 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाया जाए,