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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। राहुल गांधी के बाद अब संजय राउत ने इस मुद्दे पर बीजेपी की केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए इस पर अपना विरोध दर्शाया है। ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने आज (23 मई, मंगलवार) मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति को दरकिनार करते हुए नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों किया जा रहा है। इसका हम विरोध करते हैं। यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि सबकुछ मैं ही मैं हूं, दूसरा कोई नहीं।
संजय राउत ने कहा कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही किया जाना जरूरी है। प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष बाद में आते हैं। पहला स्थान राष्ट्रपति का है। अगर नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों नहीं किया गया तो यह गंभीर बात ही नहीं बल्कि हास्यास्पद भी है।
संजय राउत ने कहा कि, ‘देश के लोकतंत्र की दृष्टि से यह बेहद ही गंभीर मुद्दा है। राहुल गांधी के सवालों से मैं सहमत हूं। सेंट्रल विस्टा की कतई जरूरत नहीं थी। हमारी संसद से ज्यादा पुरानी इमारत इटली और अन्य देशों की है। राजनीतिक हवस को पूरा करने के लिए और यह दिखाने के लिए कि देखो, मैं इतिहास गढ़ रहा हूं, मैं दिल्ली का नव निर्माण कर रहा हूं, जनता के पैसों की बर्बादी करके इसे गढ़ा गया है। अब राष्ट्रपति को नजरअंदाज कर इसका उद्घाटन किया जा रहा है। यह सर्वोच्च पद का अपमान है।’
संजय राउत ने आगे कहा कि, ‘पिछले 9 सालों में ऐसे लोगों को बैठाया गया है जो कुछ नहीं बोलते। सवाल नहीं करते। अगर विपक्ष उद्घाटन कार्यक्रम के विस्तार का फैसला करता है, तो इसका हम सहयोग करेंगे। जो हो रहा है वो संसदीय लोकतंत्र के लिए घातक है। देश के सर्वोच्च सामारोह में राष्ट्रपति को दरकिनार करेंगे। चुनाव आया तो आदिवासियों के मुद्दे आगे करेंगे। बीजेपी 24 घंटे, 365 दिन सिर्फ राजनीति और चुनाव के बारे में ही सोचती रहती है। यह पार्टी सिर्फ चुनाव के ही मूड में रहने वाली पार्टी है। देश की समस्याओं से इसे कोई लेना-देना नहीं है।’