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भारतीय टीम के पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन के खिलाफ केस, हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में भ्रष्टाचार का मामला

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हैदराबाद। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन और हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के कुछ पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है. इन सभी पर एसोसिएशन के पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है. यह जानकारी हैदराबाद पुलिस की ओर से दी गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पुलिस के अनुसार एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील कांते बोस की शिकायत के आधार पर यहां उप्पल पुलिस स्टेशन में एचसीए के पूर्व अध्यक्ष अजहरुद्दीन और अन्य पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है.
सोशल मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट में अजहरुद्दीन ने कहा कि कि मैंने मीडिया रिपोर्टें देखी हैं, जिनमें बताया गया है कि सीईओ, एचसीए की शिकायतों पर मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि ये सभी झूठे और प्रेरित आरोप हैं. मैं किसी भी तरह से आरोपों से जुड़ा नहीं हूं. मैं उचित समय पर जवाब दूंगा. पूर्व कप्तान ने कहा कि यह मेरी प्रतिष्ठा को बर्बाद करने के लिए मेरे प्रतिद्वंद्वियों द्वारा किया गया एक स्टंट है. हम मजबूत रहेंगे और कड़ी लड़ाई लड़ेंगे.
वहीं शिकायत में एचसीए सीईओ ने कहा कि तेलंगाना उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न पक्षों द्वारा प्रस्तुत पूर्व रिपोर्टों के मद्देनजर, धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए एक चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म को इस साल अगस्त में एक अवधि के लिए एसोसिएशन का फोरेंसिक ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया गया था.
फर्म ने 1 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2023 की अवधि के लिए एसोसिएशन का एक फोरेंसिक ऑडिट (अंतरिम रिपोर्ट) प्रस्तुत किया. ऑडिट में वित्तीय नुकसान की पहचान की गई, जिसमें फंड का डायवर्जन, एचसीए से संबंधित संपत्तियों का दुरुपयोग शामिल है.
शिकायतकर्ता के अनुसार फॉरेंसिक ऑडिट (अंतरिम रिपोर्ट) के आधार पर यह स्पष्ट है कि एचसीए की ओर से तीसरे पक्ष के विक्रेताओं के साथ किए गए कुछ लेनदेन वास्तविक नहीं पाए गए. वहीं शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि सीए फर्म ने यहां राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में अग्निशमन उपकरणों की स्थापना के संबंध में टिप्पणियां कीं, जिसमें पूर्व पदाधिकारियों की मिलीभगत से एक तीसरे पक्ष के विक्रेता की कार्यप्रणाली भी शामिल थी.
शिकायतकर्ता के अनुसार 3 मार्च 2021 को आयोजित 9वीं शीर्ष परिषद की बैठक में एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने अग्निशमन उपकरणों के संबंध में चर्चा करने की मांग की थी. हालांकि बाद में बिना कोई कारण बताए निविदा जारी कर दी गई. किसी भी बोली लगाने वाले को आवंटित नहीं किया गया.
इसके बाद एचसीए ने उसी काम के लिए दूसरी निविदा जारी की थी. ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर यह आरोप लगाया गया कि तत्कालीन अध्यक्ष मोहम्मद अजहरुद्दीन ने वस्तुत: बैठक में भाग लिया और कार्य आदेश जारी करने में जल्दबाजी की.

 

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