Getting your Trinity Audio player ready... |
लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। गोरखपुर विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलाजी विभाग में आज कैंसर प्रबन्धन मे बायोटेक्नोलॉजी की भूमिका विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। व्याख्यान के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.पूनम टण्डन ने कहा कि कैंसर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है जिससे पूरी दुनिया जूझ रही है। ऐसे मे बायोटेक्नोलाजी की भूमिका और बढ जाती है। उन्होंने कहा कि बायोटेक्नोलाजी इसमे बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है लेकिन क्षेत्रीय स्तर पर भी कैंसर से संबंधित शोध मे नये आयाम स्थापित हो सकते हैं। उन्होने कहा कि पूर्वांचल मे कैंसर से संबंधित शोध और जागरूकता के क्षेत्र मे विश्वविद्यालय का बायोटेक्नोलाजी विभाग को अन्य संस्थानों के साथ आगे आकर काम करने की जरूरत है। बायोटेक्नोलाजी विभाग मे हो रहे शोध के बारे मे उन्होने कहा कि यहां के शिक्षकों मे बहुत पोटेन्शियल है जिसका लाभ छात्रों के साथ साथ समाज को भी मिलना चाहिए।
कुलपति ने सिनर्जी इंस्टीट्यूट आफ कैंसर रिसर्च, गोरखपुर के साथ आपसी समझौता करने के लिए भी उत्साहित किया। वहीं कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रोफेसर व रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट सेल के निदेशक प्रोफेसर दिनेश यादव ने बायोटेक्नोलाजी विभाग की 23 वर्ष की यात्रा से सबको अवगत कराया। विभाग के शिक्षक डॉ पवन कुमार दोहरे ने मुख्य वक्ता जाने माने कैंसर विशेषज्ञ और चिकित्सक डॉ आलोक तिवारी का परिचय कराया। उदघाटन सत्र के बाद सिनर्जी कैंसर इंस्टीट्यूट एवं सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गोरखपुर के प्रबंध निदेशक व कैंसर सर्जन डॉक्टर आलोक तिवारी ने कैंसर प्रबंधन में बायोटेक की भूमिका के विषय पर अपना व्याख्यान दिया। व्याख्यान में उन्होंने कैंसर के कारण, लक्षण, परीक्षण तथा इलाज से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।