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नई दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनाव सभी राजनीतिक दलों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि, मुख्य मुकाबला भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच माना जा रहा है। इंडिया गठबंधन में 26 राजनीतिक दल हैं जो भाजपा के खिलाफ एकजुट हुए हैं। विभिन्न राज्यों में गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों की ओर से चुनावी रणनीति बनाई जा रही है। इन सब के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गढ़ में कांग्रेस ने जबरदस्त तैयारी की है। जी हां, हम बात गुजरात के कर रहे हैं। गुजरात की लोकसभा की 26 सीटों के लिए कांग्रेस ने एक बड़ी और सोची-समझी रणनीति बनाई है। गुजरात की कुल 26 सीटों को कांग्रेस ने तीन भागों में बांटा है और इसकी कमान अलग-अलग व्यक्तियों को सौंपी है।
पार्टी के एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, गुजरात में 26 सीटों पर चुनाव लडऩे की जिम्मेदारियां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के तीन सचिवों के बीच बांट दी गई हैं। एआईसीसी सचिव रामकिशन ओझा को नौ सीटों – अहमदाबाद पूर्व, अहमदाबाद पश्चिम, खेड़ा, आनंद, गांधीनगर, मेहसाणा, बनासकांठा, पाटन और साबरकांठा की जिम्मेदारी दी गई है। इस बीच, कर्नाटक से आने वाले एआईसीसी सचिव बी एम संदीप कुमार को भावनगर, अमरेली, सुरेंद्रनगर, राजकोट, जूनागढ़, पोरबंदर, जामनगर और कच्छ का प्रभार दिया गया है। आंध्र प्रदेश से कुमार की सहयोगी उषा नायडू को शेष सीटों के लिए जिम्मेदारी दी गई है। वह पंचमहल, दाहोद, वडोदरा, छोटा उदेपुर, भरूच, बारडोली, नवसारी, सूरत और वलसाड के लिए जिम्मेदार होंगी।
विपक्ष के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की घटक आम आदमी पार्टी (आप) का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है और अक्टूबर में गठबंधन की समिति इस बारे में निर्णय करेगी। ‘आप’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में ‘इंडिया’ गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई फार्मूला तय किए जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा, फिलहाल इस मुद्दे पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। सीटों का बंटवारा कोई बड़ा मुद्दा भी नहीं है।
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