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नई दिल्ली। तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए एक बयान पर बवाल मचा हुआ है। उनके बयान पर कड़ा विरोध जताते हुए अयोध्या के संत परमहंस आचार्य ने सोमवार को कहा था कि जो भी उदयनिधि का सिर काट कर लाएगा, उसे 10 करोड़ रुपए का इनाम मिलेगा। अब उन्होंने फिर दोहराया है कि अगर 10 करोड़ रुपये उदयनिधि का सिर काटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, तो मैं इनाम की राशि बढ़ा दूंगा।
परमहंस आचार्य ने कहा है कि देश में जो भी विकास हुआ है, वह ‘सनातन धर्म’ की वजह से हुआ है। उदयनिधि स्टालिन ने अपने बयान से देश के 100 करोड़ लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। दरअसल, उदयनिधि ने कहा था कि सनातन धर्म का खात्मा जरूरी है, क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है, इसे सिर्फ खत्म किया जा सकता है। उदयनिधि ने कहा था कि सनातन धर्म मलेरिया, डेंगू और कोरोना महामारी जैसा है, जिसका खात्मा जरूरी है।
परमहंस आचार्य ने कहा कि सनातन धर्म का कोई अंत नहीं है, इसलिए इसे कोई मिटा नहीं सकता है। जो भी अगर सनातन को मिटाने की कोशिश करेगा, उसका अंत निश्चित है। परमहंस आचार्य ने कहा कि अगर कोई उदयनिधि का सिर काट कर नहीं ले पाता है, तो मैं खुद उसका सिर कलम कर दूंगा। इसके लिए मेरा तलवार तैयार है और मैं वहां जाने वाला हूं। जगत गुरु परमहंस आचार्य के मुताबिक,अगर कुछ इस तरीके का बयान उदयनिधि ने दूसरे धर्म के लिए दिया होता तो अब तक बवाल मच गया होता। सनातन धर्म अहिंसा में विश्वास करता है। लेकिन, यह भी बता देना चाहेंगे हम राक्षसों का वध भी करते हैं। परमहंस आचार्य ने उदयनिधि को एक राक्षस की उपमा देते हुए कहा कि उसका वध मैं ही करूंगा।