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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः राजभवन में आज उच्च प्राथमिक विद्यालय में नवनिहाल बच्चों के लिए आयोजित प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल षिक्षक की भूमिका में नजर आयी, उन्होने बच्चों से कहा कि जब कोई बोले तो ध्यान से सुनना चाहिए और पढ़ते समय मन को एकाग्र रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने सबको प्रतिभा, ज्ञान और शक्ति दी है, जरूरत है उसे पहचानने की। उन्होंने छात्र-छात्राओं से आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने और अपनी प्रतिभा को पहचानने का आह्वान किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि वैज्ञानिक शोधों के अनुसार 08 वर्ष की आयु तक बच्चों कोे जो सिखाया जाता है, उसे वे 80 प्रतिशत तक आत्मसात करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि माता के गर्भ से ही बच्चे में सीखने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। माता-पिता तथा घर के वातावरण का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि कैसे आंगनबाड़ी केंद्रों और प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की आदतें, व्यवहार और सीखने की प्रक्रिया आकार लेती है। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक बच्चों को विद्यालय मंे लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। 03 साल के बच्चों का आंगनवाड़ी में नामांकन व 06 साल पूर्ण होने पर उन्हें अनिवार्य रूप से प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश करवाना चाहिए। राज्यपाल ने गुजरात में प्रवेशोत्सव के दौरान स्वास्थ्य शिविर एवं स्वच्छता अभियान के अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित शिक्षकों एवं गणमान्य अतिथियों को ‘राजभवन बैंड‘ तथा ‘लोकहित के मुख्य स्वर’ नामक पुस्तक भी भेंट की। राजभवन उच्च प्राथमिक विद्यालय में नवनिहाल बच्चों के लिए प्रवेशोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत जनपद हरदोई के विकासखंड सांडी के प्राथमिक विद्यालय सनफरा के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा पीटी, योगा एवं डंबल के अद्भुत प्रदर्शन द्वारा हुई। इसके पश्चात राजभवन उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के राजभवन बैंड द्वारा ‘सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा‘ की सुमधुर धुन बजाई गई।
इस अवसर पर स्केटिंग करते हुए बच्चांे की अगवानी में सभी बच्चों ने छोटे लॉन से अन्नपूर्णा द्वार तक आकर्षक मार्च पास्ट किया। प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में जनपद हरदोई के प्राथमिक विद्यालय सनफरा के बच्चों के ऊर्जस्वी प्रदर्शन की राज्यपाल ने सराहना करते हुये कहा कि छोटी उम्र में भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि राजभवन में बच्चोें से सांस्कृतिक प्रवृतियाँ करवाई जाती हैं, उनके लिए पुस्तकालय की सुविधा है तथा परम्परागत खेल व अन्य विविध गतिविधियों में बच्चों की सक्रिय प्रतिभागिता होती है। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, राज्यपाल, डॉ0 सुधीर महादेव बोबड़े ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जब उत्तर प्रदेश के किसी विद्यालय में पहली बार प्रवेश उत्सव इस तरह से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर जिलाधिकारी लखनऊ विशाख जी0 अय्यर, विशेष कार्याधिकारी अशोक देसाई, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डॉ0 पंकज एल0 जानी, राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारीगण, विद्यालय के छात्र-छात्राएं, उनके अभिभावक एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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