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टोक्यो। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का अंतिम संस्कार रविवार को चुनाव संपन्न होने के बाद 12 जुलाई को होगा. इस मौके पर दुनिया के तमाम बड़े नेताओं के जुटने की उम्मीद है. फिलहाल आबे का पार्थिव शरीर टोक्यो ले जाया गया है. इस बीच जापान की पुलिस ने सरकार के निर्देश पर 90 सदस्यीय एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो शिंजो आबे की हत्या की जांच करेगी. गौरतलब है कि ऐतिहासिक शहर नारा में शुक्रवार को एक चुनावी सभा के दौरान यामागामी तत्सुका ने आबे को पीछे से दो गोली मार दी थीं. अस्पताल में कई घंटे उपचार के बाद आबे जिंदगी की जंग हार गए थे.
इस बीच घटनास्थल पर गिरफ्तार किए गए 41 वर्षीय संदिग्ध यामागामी ने आबे को गोली मारने की बात कबूल कर ली है. उसने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि उसे इस बात का दुख था कि उसे जिस संगठन से शिकायत थी, उसमें पूर्व प्रधानमंत्री शामिल थे. यामागामी ने पुलिस को बताया कि उसकी मां संगठन में शामिल थी और उसने बहुत सारा पैसा संगठन को दान किया था, जिससे उसके परिवार के लिए गंभीर समस्याएं पैदा हो गईं. पुलिस के अनुसार संदिग्ध ने लगभग 40 सेंटीमीटर लंबी बंदूक का इस्तेमाल किया.
पुलिस ने यामागामी के घर पर भी तलाशी ली है, जहां उन्हें धातु और लकड़ी से बनी कई बंदूकें मिली, जो हमले में इस्तेमाल की गई बंदूक से मिलती-जुलती हैं. पुलिस ने संदिग्ध के सामान को भी जब्त कर लिया है, जिसमें एक कंधे पर लटकाने वाला बैग, स्मार्टफोन और वॉलेट शामिल हैं. संदिग्ध ने कहा है कि वह फिलहाल बेरोजगार है और उसने 2005 तक तीन साल आत्मरक्षा बलों के साथ काम किया था. गौरतलब है कि आबे जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे और 67 वर्ष की आयु में उनके निधन ने एक ऐसे देश को गहरा झकझोर दिया है, जहां बंदूक से अपराध बहुत दुर्लभ हैं.