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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने देश की विपक्षी पार्टियों पर जातिवादी होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए जब विपक्षी पार्टियां कथित बड़ी-बड़ी बैठकें कर रही थी, तो उसमें बहुजन समाज पार्टी को नहीं बुलाया गया. मायावती ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी हो या शरद पवार, ये लोग जातिवादी हैं. इसीलिए बीएसपी को इन बैठकों में शामिल नहीं किया. बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने राष्ट्रपति पद पर चुनाव के लिए आज ही फैसला किया है कि वो एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी, क्योंकि उनकी पार्टी की यही लाइन है. मायावती ने साफ कहा है कि मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन किसी पक्ष या विपक्ष से प्रभावित हुए बिना कर रही हैं.
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में मीडिया को संबोधित किया और राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी पार्टी के पत्ते खोले. इस दौरान उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक विपक्षी उम्मीदवार का चयन करने के लिए 15 जून को बुलाई गई बैठक में केवल चयनित पार्टियों को आमंत्रित किया और जब शरद पवार ने 21 जून को एक बैठक बुलाई तो भी बीएसपी को आमंत्रित नहीं किया गया. यह उनके जातिवाद के उद्देश्यों को दर्शाता है. बता दें कि बहुजन समाज पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है. भले ही पिछले कुछ चुनाव में उसका प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी समाज के निचले तबके के लोगों अटूट समर्थन अपने साथ जोड़े रखने में सफल रही है.
बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में कहा कि हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है. हमने यह अति महत्वपूर्ण फैसला पक्ष या फिर विपक्षी पार्टी के विरोध में नहीं लिया है, बल्कि अपनी पार्टी के मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के लिए यह फैसला लिया है.