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परिणाम की अपेक्षा ज्ञान की प्रक्रिया को समझे छात्र- कुलपति

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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। लखनऊ विश्वविद्यालय में मनाये जा रहे ओरिएंटेशन-सप्ताह में आज अर्थशास्त्र, प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व, भूगोल, भौतिक शिक्षा, उर्दू, संस्कृत, दर्शनशास्त्र आदि परास्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले बड़ी संख्या में छात्रों ने ओरिएंटेशन कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर पर कुलपति आलोक राय ने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों एवं योजनओं की जानकारी साझा करते हुए उनका ज्ञानवर्द्धन एवं मार्गदशन किया। उन्होंने नवप्रवेशी परास्नातक विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए बधाई दिया। उन्होंने विद्यार्थियो को परिणाम की अपेक्षा ज्ञान की प्रक्रिया को समझने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी विश्वविद्यालय के किसी भी प्रकोष्ठ से 24Û7 संपर्क स्थापित कर सकते हैं। वहीं कला संकाय के डीन प्रो. अरविंद अवस्थी ने छात्रों को विश्वविद्यालय का हिस्सा बनने पर बधाई दी। चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश दिवेदी ने नवागंतुकों को विश्वविद्यालय के विभिन्न नियमों और विनियमों से अवगत कराया और उन्हें ईमानदारी और नैतिकता सहित विश्वविद्यालय के मूल मूल्यों का पालन करने के लिए कहा। छात्रों को संबोधित करते हुए डीन अकादमिक प्रोफेसर गीतांजलि मिश्रा ने विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को बताया और छात्रों से अपने मातृ संस्थान के स्वस्थ शैक्षणिक विकास में योगदान देने का आह्वान किया। हैप्पी थिंकिंग लेबोरेटरी की निदेशक प्रोफेसर मैत्रेयी प्रियदर्शनी ने छात्रों के मानसिक कल्याण को प्रोत्साहित किया और लैब के उद्देश्य के बारे में बात की, जो शांति, प्रेम और सार्वभौमिक सद्भाव की दुनिया बनाने के लिए खुशी की स्वदेशी धारणा को समझने के लिए युवाओं के विचारों को सशक्त बनाना है। इसके अलावा, प्रो. अशोक कुमार कैथल अतिरिक्त डीएसडब्ल्यू ने डीन छात्र कल्याण के तहत टीआरईई, ओपीडी और छात्रवृत्ति आदि जैसी विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में प्रोफेसर अनूप कुमार सिंह चीफ प्रोवोस्ट, प्रोफेसर रूपेश कुमार निदेशक एलयूएए, डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. ज्योति मिश्रा, डॉ. वैशाली सक्सेना निदेशक परामर्श और मार्गदर्शन सेल, प्रोफेसर रश्मि कुमार निदेशक आईसीसी, संयोजक डॉ. रोली मिश्रा जेन सेन ने छात्रों को एक छात्र के रूप में उनसे अपेक्षाओं पर संबोधित किया। समितियों और प्रकोष्ठों के प्रतिनिधियों ने छात्रों को दृष्टिकोण के बारे में समझाया और जानकारी दी और उनके द्वारा किए गए कुछ कार्यों का उदाहरण दिया।

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