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एशिया-यूरोप के पर्यटक एक बार अवश्य करें बौद्ध स्थल का दर्शन- जयवीर सिंह

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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रसी न्यूज )ः उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से ’बोधि यात्रा’ का आयोजन कल 28 जून, को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के होटल अशोक में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य उपस्थिति केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की रही। कार्यक्रम में मुख्य सचिव, उप्र., प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, विभिन्न देशों के राजदूत, उच्चायुक्त एवं उच्चायोग के अधिकारियों के साथ-साथ कई विभागों के सचिव और मुख्य सचिव की उपस्थिति रही। प्रतिष्ठित ट्रैवल राइटर, ब्लॉगर, टूर एंड ट्रैवल प्रतिनिधियों के साथ-साथ भारतीय व अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ के प्रतिनिधि आयोजन का हिस्सा बने।

कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बोधि यात्रा आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का आभार जताया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने अक्सर अपने भाषणों में कहा है कि, ’भारत युद्ध की नहीं, बुद्ध की भूमि है’। इसी पवित्र भूमि ने समूची दुनिया को सत्य, अहिंसा, दया और करुणा का संदेश दिया।’ केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि, भारत विविधताओं वाला देश है। यहां पर्यटन की सभी अपेक्षाओं को पूरा करने की क्षमता भारत में है। प्रधानमंत्री ने देश में विभिन्न टूरिस्ट सर्किट बनाने की कल्पना की थी। उसमें पहला सर्किट बुद्ध सर्किट है।
प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, ’उप्र.पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित ’बोधि यात्रा’ का उद्देश्य राज्य में बौद्ध विरासत और तीर्थ स्थलों की झलक पेश करना है। उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध और बौद्ध धर्म से जुड़े कई प्रमुख तीर्थ स्थल हैं। यूपी प्रारंभिक बौद्ध धर्म का केंद्र रहा है। यहीं से बौद्ध धर्म का विस्तार दुनिया के बाकी हिस्सों में हुआ। बौद्ध धर्म को मानने वाले श्रद्धालु/पर्यटक प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में देश-दुनिया से उत्तर प्रदेश आते हैं। बोधि यात्रा बुद्ध के जीवन, अनुभव और उपदेशों के महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रस्तुत करना है। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा, बुद्ध की जन्मस्थली भले लुम्बिनी रही, लेकिन उनकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश रहा। कपिलवस्तु से बुद्ध ने जो यात्रा शुरू की, वो श्रावस्ती, कपिलवस्तु, सारनाथ सहित अन्य स्थलों से होते हुए आगे बढ़ा। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश बौद्ध धर्म का उद्गम स्थल है और यह बोधि यात्रा आपको भगवान बुद्ध की शांति और दिव्यता का अनुभव कराने की एक पहल है। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा, ’उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में नंबर एक स्थान प्राप्त करते हुए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है। हमें निकट भविष्य में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों के उत्तर प्रदेश आने की उम्मीद है।’ कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ’हम दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के विभिन्न देशों के साथ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को और बेहतर करना चाहते हैं। विदेश मंत्रालय के सहयोग से सांस्कृतिक-कूटनीति में सुधार कर राज्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देना चाहते हैं। बोधि यात्रा कार्यक्रम में भूटान, म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, श्रीलंका, लाओ पीडीआर, कंबोडिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, मंगोलिया, चीन आदि देशों के राजदूत, उच्चायुक्त एवं उच्चायोग के अधिकारियों ने शिरकत की। म्यांमार, थाईलैंड और सिंगापुर के राजदूतों ने अपने संबोधन में कहा कि यूपी में भगवान गौतम बुद्ध से जुड़े स्थलों की प्रस्तुति देखकर अभिभूत हूं। इन स्थानों की विरासत की प्रशंसा करते हुए, राजदूतों ने सभी छह बौद्ध स्थलों का भ्रमण करने और इन स्थानों की शांति का अनुभव करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने अपने देशों में इन स्थलों को बढ़ावा देने में भी गहरी रुचि दिखाई। इसके अलावा, उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के साथ उनके देशों के संबंधों को मजबूत करेगा और विश्व मानचित्र पर इसकी पर्यटन क्षमता को उजागर करेगा।

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