Getting your Trinity Audio player ready... |
लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि एक तरफ कई देशों में हिंसा की आग में झुलस रहे हैं। वहीं, हमारे प्रधानमंत्री न केवल शांति का संदेश दे रहे हैं बल्कि उस पर अमल भी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया ने युद्ध दिया और भारत ने बुद्ध दिया। भगवान बुद्ध के उपदेश शांति का मार्ग अपनाने पर जोर देते हैं, उनके उपदेश आज की तनावभरी जिंदगी तथा विश्व शांति के लिए और अधिक प्रसांगिक है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां तथागत के शिष्य होंगे वहां शांति होगी, विपश्यना होगी। उन्होंने कहा, प्रत्येक परिवार में भगवान बुद्ध का एक अनुयायी होना चाहिए। अगर शांति, विकास, रोजगार चाहिए तो बुद्धं शरणं से उत्तम कोई दूसरा मार्ग नहीं है।
श्री मौर्य संस्कृति विभाग उ.प्र. के अधीन अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान और पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 03 दिवसीय इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव के शुभारम्भ के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व में शांति एवं सद्भाव बढ़ाने के लिए पालि साहित्य अत्यधिक उपयोगी है। इसलिए विश्व शांति एवं सद्भाव बढ़ाने में पालि साहित्य का योगदान विषय पर यह सम्मेलन रखा गया है। इसमें देश-विदेश से लगभग 800 से अधिक बौद्ध भिक्षु तथा विद्वान भाग ले रहे हैं। भगवान बुद्ध ने अपना उपदेश पालि भाषा में दिया। इस भाषा की प्राचीनता एवं महत्ता को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पालि भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देकर इसका सम्मान बढ़ाया है। श्री मौर्य ने कहा कि केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार प्रदेश में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों जैसे सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कौशाम्बी और संकिसा का निरन्तर विकास कर रही है। कौशाम्बी में विपश्यना केन्द्र निर्माण की तैयारी प्रगति के अंतिम चरण में है। इसके अलावा मठ और स्तूपों के विकास के साथ-साथ पर्यटक सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने तीन बातों पर जोर दिया था, जिसमें इच्छाआंे का त्याग, क्रोध पर नियंत्रण तथा ज्ञान का विस्तार शामिल है। उनके उपदेशों पर अमल करते हुए जीवन में उतारने की आवश्यकता है। उ0प्र0 सरकार आम लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप हर कदम पर साथ खड़ी है। इस अवसर पर उपस्थित प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि भगवान बुद्ध ने मानवता, करूणा और प्रेम का जो संदेश दिया है, उसके लिए पालि भाषा को माध्यम बनाया। समय बदलता गया, दिन बदलते गये लेकिन भगवान बुद्ध के मानवता का संदेश पूरी दुनिया में शांति का संदेश दे रहे हैं। पालि भाषा हमारी सांस्कृतिक विरासत है। वैश्विक स्तर पर पालि साहित्य को एकरूपता प्रदान करते हुए भारत में उसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। उ0प्र0 सरकार पालि भाषा को जन-जन तक पहुंचाने और लोकप्रिय बनाने के लिए इस पालि साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया है। श्री पाठक ने यह भी कहा कि भगवान बुद्ध के रास्ते पर चलकर दुनिया में शांति स्थापित की जा सकती है। भगवान बुद्ध ने हमेशा अपने संदेशों में शांति का मार्ग अपनाने पर जोर दिया। उनके बताये हुए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। भगवान बुद्ध से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल का प्रचार पूरी दुनिया में किया जा रहा है ताकि विश्वभर केे अनुयायी उ0प्र0 की ओर आये। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा इस दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा, कि केंद्र सरकार ने पालि को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। उसी उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जो पालि भाषा साहित्य सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। विद्वतजन जो चिंतन-मंथन करेंगे, उसे विश्वविद्यालयों में पहुंचाया जाएगा।