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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 6381.51 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 24.69 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले औषधीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नये भवन का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के अन्तर्गत 4,000 छात्र-छात्राओं को टैबलेट/स्मार्टफोन का वितरण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में फार्मेसी भवन की आधारशिला रखी गई है। यह विश्वविद्यालय की प्रगति को और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत माता के वीर सपूत महामना मदन मोहन मालवीय नाम पर स्थापित यह प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय शिक्षा में अपने अमूल्य योगदान के लिए हमेशा से प्रसिद्ध रहा है। मालवीय जी ने अपना पूरा जीवन शिक्षा व समाज सुधार के लिए समर्पित किया था। संसाधनों की कमी, विभिन्न चुनौतियों तथा स्वाधीनता आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने के बावजूद भारत में शिक्षा के लिए उन्होंने जो संकल्प लिया था, उसके लिए वह लगातार प्रयास करते रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं0 मदन मोहन मालवीय ने वर्ष 1916 में बनारस में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। आज 100 वर्ष से भी ज्यादा का समय होने के बावजूद यह शिक्षा के लिए एक बड़ा केन्द्र है। स्वतंत्र भारत में युवाओं को शिक्षा देने के लिए संकल्पित इस नायक के नाम पर ही यह विश्वविद्यालय है। गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश का यह एक उत्कृष्ट विश्वविद्यालय है, जो अपने नाम और पहचान के लिए जाना जाता है। राज्य सरकार द्वारा संचालित यह विश्वविद्यालय अपने विस्तृत परिसर एवं तकनीकी शिक्षा में पारंगत दक्ष युवाओं के लिए जाना जाता है। फार्मेसी भवन के शिलान्यास के बाद फार्मेसी क्षेत्र में भी युवाओं को शिक्षा देकर यह विश्वविद्यालय कुशल फार्मासिस्ट बनाने का कार्य करेगा। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस भवन का निर्माण विश्वविद्यालय अपने ही राजस्व से करा रहा है। यह विश्वविद्यालय की आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है। विश्वविद्यालय ने अपने अच्छे पाठ्यक्रम के साथ आत्मनिर्भरता भी प्राप्त की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के निर्माण के संकल्प में पहला संकल्प आत्मनिर्भरता ही है। जब हमारा देश गुलाम था, तब सन् 1904 में महामना मदन मोहन मालवीय जी ने संकल्प लिया था कि आजाद भारत में नागरिकों को शिक्षा प्राप्ति के अच्छे केंद्र मिलने चाहिए। शिक्षा आत्मनिर्भरता का सबसे बड़ा माध्यम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश फार्मेसी के क्षेत्र में एक उपभोक्ता राज्य रहा है। यहां बाहर से निर्मित दवाएं आती हैं। आज शासन उत्तर प्रदेश को फार्मा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रयास कर रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश में दो कार्य शुरू किए गए हैं। जनपद ललितपुर में 2,000 एकड़ में फार्मा पार्क का निर्माण हो रहा है, जो जल्द ही पूर्ण हो जाएगा। साथ ही उत्तर प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना का भी कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो कार्य पहले हो जाने चाहिए, वह आज हो रहे हैं। देश की सबसे बड़ी जनशक्ति होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में दवाएं नहीं बनती थीं। आज इस दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें समय के अनुरूप चलना होगा। बाजार व इण्डस्ट्री की मांग के अनुसार अपने पाठ्यक्रम को तैयार करके विद्यार्थियों को पारंगत बनाकर इस दिशा में कैरियर के लिए कार्य करना होगा। फार्मेसी के क्षेत्र में कुशल मैनपावर को तैयार करने के लिए संस्थाओं को भी कार्य करना होगा। यह फार्मेसी के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को वर्ष 2027 तक 05 ट्रिलियन डाॅलर इकोनामी बनाने का लक्ष्य रखा है। यह क्षेत्र उसमें भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से आज भारत 11वीं बड़ी अर्थव्यवस्था से विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। आगामी 03 वर्षों में यह विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन जाएगा। आगामी वर्षों में भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाना है। भारत को विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनाने में तकनीकी संस्थानों व दक्ष युवाओं की आवश्यकता होगी। समय के अनुरूप अपने आप को तैयार करके हम बढ़ेंगे तो इस लक्ष्य को पाने में कठिनाई नहीं होगी। हमारा युवा इतना काबिल है कि वह जहां भी जाता है, छा जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गोरखपुर में नयापन देखने को मिलता है। गत वर्ष यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे। विगत दिनों इन निवेश प्रस्तावों में से 10.50 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का काम प्रधानमंत्री जी ने किया। इससे लगभग 35 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। इन अवसरों को प्राप्त करने के लिए हमें उद्योग की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को तैयार करना होगा। शासन भी इसके लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टैबलेट और स्मार्टफोन का निःशुल्क वितरण युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए ही किया जा रहा है। इस स्मार्टफोन और टैबलेट में शासन की विभिन्न योजनाओं को समाहित किया गया है। यह युवाओं को आगे बढ़ने में मदद करेंगे। हमारे युवा योजनाओं को जानकर और उनका लाभ प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया में असम्भव कुछ भी नहीं है। असम्भव उनको लगता है, जो कुछ करना ही नहीं चाहते हैं। जिनके पास सामथ्र्य होता है, वह चुनौतियों से जूझने की क्षमता रखते हैं। उनके लिए कुछ भी असम्भव नहीं होता। जहां चुनौतियां होती हैं, वहां सम्भावना भी होती है। इस सम्भावना को अवसर में तब्दील कर उसका लाभ हम सबको उठाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय नये-नये पाठ्यक्रम ला रहा है। इण्डस्ट्री तथा बाजार के अनुसार मैनपावर भी तैयार कर रहा है। यह संस्थान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भी जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य लगातार कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री के विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भूमिका निभाएगा। फार्मेसी भवन का शिलान्यास हम सबके लिए एक अवसर है। फार्मा पार्क तथा मेडिकल डिवाइस पार्क यहां के विद्यार्थियों के लिए अवसर प्रदान करेंगे। सरकार उत्तर प्रदेश को फार्मा हब बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 07 वर्षों में उत्तर प्रदेश में बहुत बदलाव आया है। प्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी से निकलकर भारत के विकसित राज्यों की श्रेणी में आ चुका है। उत्तर प्रदेश आज भारत के राज्यों में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन गया है। अब उत्तर प्रदेश में बाहरी व्यक्ति आता है तो यहां के विकास को देखकर प्रफुल्लित हो जाता है। आज यहां हर क्षेत्र में सम्भावनाएं हैं। लोग उत्तर प्रदेश के विकास को देखकर आश्चर्यचकित हो रहे हैं। इस प्रदेश में संसाधन और मानव सम्पदा पहले भी थी, लेकिन कार्य करने का संकल्प नहीं था। आज वही संसाधन, वही प्रशासनिक मशीनरी है, लेकिन कार्य संस्कृति बदली तो परिणाम हम सबके सामने हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह विश्वविद्यालय देश के प्रमुख तकनीकी विश्वविद्यालयों में अपना स्थान बनाएगा और विकसित भारत के निर्माण के लिए कुशल मैनपावर उपलब्ध कराएगा। यहां के तकनीकी रूप से दक्ष विद्यार्थी समाज के विकास के साथ-साथ देश के निर्माण में भी अपना अमूल्य योगदान देते रहेंगे।