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वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी में शनिवार को भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) की टीम के सर्वे का 35वां दिन है। त्रिस्तरीय सुरक्षा के बीच टीम परिसर में ऐतिहासिक संभावनाएं तलाश करने टीम उतरी है। एएसआई की टीम ज्ञानवापी में अब तक हुए सर्वे की रिपोर्ट तैयार करेगी। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के विरोध के कारण ज्ञानवापी में दो दिन तक एएसआई सर्वे नहीं कर सका। जिला जज की अदालत के आदेश के बाद शनिवार से ज्ञानवापी में सर्वे का काम फिर शुरू हो गया है। मसाजिद कमेटी भी एएसआई का सहयोग कर रही है।
वजूस्थल को छोडक़र संपूर्ण परिसर के सर्वे में जुटी टीम अब तक 34 दिन में लगभग 250 घंटे का सर्वे पूरा कर चुकी है। सर्वे में वाराणसी, पटना, कानपुर, दिल्ली और हैदराबाद की टीमें शामिल हैं। वैज्ञानिक रूप से संरचनाओं की जांच करने के लिए कार्यशील फर्श के स्तर से ऊपर के मलबे आदि की सफाई जारी है।
ज्ञानवापी में सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को चार सप्ताह का अतिरिक्त समय मिल गया है। अब छह अक्तूबर 2023 तक सर्वे करके रिपोर्ट अदालत में दाखिल करनी है। एएसआई ने सर्वे की समय सीमा आठ सप्ताह आगे बढ़ाने की अर्जी दी थी, लेकिन जिला जज की अदालत ने चार सप्ताह ही आगे बढ़ाई है।
जिला जज की अदालत ने 21 जुलाई 2023 को सील वजूखाने को छोडक़र ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया था। 24 जुलाई को एएसआई ने सर्वे शुरू किया तो अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाया और मसाजिद कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया। कमेटी की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके सर्वे पर रोक लगाने की मांग रखी गई, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज के आदेश को बरकरार रखा। लिहाजा, चार अगस्त से ज्ञानवापी का सर्वे दोबारा शुरू हो गया। 15 अगस्त को सर्वे बंद रहा। सात और 8 सितंबर को मसाजिद कमेटी के विरोध के कारण सर्वे नहीं हो सका। शुक्रवार को अदालत का आदेश आया। इसके बाद शनिवार सुबह नौ बजे से एएसआई टीम ने फिर से सर्वे शुरू किया। जो साक्ष्य मिल रहे हैं, उसे एएसआई की टीम सुरक्षित कर रही है।
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