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नई दिल्ली। गौतम अडानी और ग्रुप के खिलाफ जेपीसी की मांग पर विपक्ष बंटता नजर आ रहा है। एनसीपी चीफ शरद पवार के जेपीसी वाले बयान पर बीजेपी के एक नेता ने पूछा कि क्या शरद पवार को भी गालियां देंगे? एनसीपी चीफ ने अपने एक बयान में कहा है कि अडानी के खिलाफ जेपीसी जांच की मांग से कुछ नहीं होगा, बल्की जेपीसी में तो सरकार का ही दबदबा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग रखी है.
शरद पवार के बयान पर बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा कि कल तक तो पूरी कांग्रेस गुलाम नबी आजाद और सिंधिया को ‘गालियां’ दे रही थी। गुलाम नबी आजाद ने एक इंटरव्यू में पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को बिना विचारधारा की पार्टी बताया था। इसपर कांग्रेस नेताओं ने उनकी खूब आलोचना की।
इसी का जिक्र करते हुए बीजेपी नेता ने मालवीय ने कहा कि अब शरद पवार ने जेपीसी पर कांग्रेस की लाइन तोड़ी है और उसकी मांगों का मजाक उड़ाया है। क्या कांग्रेस के प्रवक्ता उन्हें भी परेशान करेंगे या सिर्फ चुप रहेंगे?
एनसीपी चीफ शरद पवार ने गौतम अडानी के खिलाफ विपक्ष की जेपीसी की मांग को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि जेपीसी में 15 बीजेपी और 5-6 विपक्ष के होंगे, ऐसे में निष्पक्ष जांच कैसे मुमकिन है। इसके साथ ही पवार ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग रखी है। इसपर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि यह उनका अपना विचार हो सकता है।
कांग्रेस नेता ने पवार के बयान पर कहा कि यह शरद पवार का निजी बयान हो सकता है, लेकिन एनसीपी समेत समान विचारधारा वाले दल अडानी के खिलाफ एकजुट हैं। संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए बीजेपी के हमलों से बचने के लिए एकजुट हैं। सभी समान विचारधारा की पार्टियां बीजेपी के विभाजनकारी और विनाशकारी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडे को हराने में एक साथ होंगे।