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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने अपनी ही पार्टी के लीडर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को ‘सांप्रदायिक’ बताया है। अय्यर ने कहा कि पी वी नरसिम्हा राव भाजपा के पहले प्रधानमंत्री थे। दिल्ली में अपनी आत्मकथा ‘मेमोयर्स ऑफ ए मावेरिक’ के विमोचन दौरान कांग्रेस नेता ने ये बात कही। इसके अलावा उन्होंने कश्मीर, पाकिस्तान सहित कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी बात रखी।
जब उनसे ये पूछा गया है कि ‘आप कहते हैं कि, नरसिम्हा राव भाजपा के पहले पीएम थे? इसके जवाब में अय्यर ने कहा कि हां, बिल्कुल। क्योंकि जब मैं सेकुलरिज़्म के लिए यात्रा निकाल रहा था तो उन्होंने इसे रोकने को कहा तो मैंने कहा कि सेकुलर देश के लिए कर रहा हूं तो वो बोले अरे समझो ये हिंदुओं का देश है। तब मैंने कहा यही तो भाजपा कहती है। जब मस्जि़द टूट रही थी तो पूजा कर रहे थे। इसलिए मैं यही मानता हूं।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का शिलान्यास एकदम गलत फैसला था। आर के धवन ने समझाया कि मस्जि़द देख मुस्लिम वोट मिलेंगे और शिलान्यास से हिंदू। लेकिन हुआ उल्टा न मुस्लिम मिले न हिंदू। 400 से ज़्यादा सीटों वाले राजीव 200 के नीचे आ गए और हार गए। वीपी सिंह ने भाजपा के साथ जो सरकार बनाई 11 महीने में गिर गई। लेकिन देश के सामाजिक ताने बाने के खराब होने की शुरुआत हो गई, जिसका असल पिछले 9 सालों से आप देख रहे हैं।
पाकिस्तान के मसले पर मणिशंकर अय्यर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत पहले ही शुरू कर देनी चाहिए थी। मनमोहन सिंह ने कश्मीर पर बातचीत की। आज की सरकार टेबल पर पाकिस्तान से बात नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि राजीव पायलट से पीएम बने तो मैं चौंका लेकिन बाद में जैसे ही उन्होंने देश संभाला मैं उनका मुरीद हो गया। अय्यर ने कहा कि मेरे जितने दोस्त पाकिस्तान में हैं, उतने दुश्मन भारत में नहीं।
वहीं, जब अय्यर ने से ये पूछा गया कि कांग्रेस में सालों से पद न मिलने की टीस है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि राजीव जी के साथ अधिकारी के तौर काम किया, सोनिया जी ने मंत्री, सांसद बनाया। पिछले कई सालों से आप कांग्रेस में बिना पद के हैं? इस सवाल के जवाब में मणिशंकर अय्यर ने कहा कि सोनिया जी यहां आईं थीं आपको ये सवाल उनसे करना चाहिए था, आप नहीं कर पाए मिस कर दिया आपने।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है’ वाला बयान सबको गलत मालूम है। 31 अक्टूबर से लेकर 2 नवंबर तक राजीव जी ने ऐसा कुछ नहीं कहा। जब सब शांत हो गया तो इंदिरा जी के जन्मदिन पर किसी और सन्दर्भ में कहा, जिसे अटल जी ने ट्विस्ट किया। हां, राजीव गांधी को उस वक़्त दिल्ली के पुलिस कमिश्नर और अपने चचेरे भाई गौतम कौल को तत्काल हटाना चाहिए था। राजीव गांधी को सिखों से तभी माफी मांगनी चाहिए थी। सेना बुलाने में देरी हुई। उस वक़्त सेना के अफसर जामवाल साहब ने भी कहा था, हालांकि उसकी तकनीकी वजहें भी थीं।