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बरेली। पश्चिम बंगाल की हुकूमत ने हज कमेटी, अल्पसंख्यक आयोग और मदरसा बोर्ड जैसे विभागों के जो अध्यक्ष और चेयरमैन नियुक्त किए हैं। वे कट्टरपंथी विचारधारा के हैं। भारत का हर व्यक्ति और हुकूमत कट्टरपंथी विचारधारा के विरुद्ध है।
ये कट्टरपंथी विचारधारा देश को तोडऩे वाली है, मगर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ऐसी विचारधारा के लोगों को बढ़ावा देकर उन्हें देश में पनपने का मौका दे रही हैं। यह आरोप दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर लगाए हैं।
पश्चिम बंगाल के जिला उत्तर दिनाजपुर में आयोजित नूरी कान्फ्रेंस में मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि वहां की मुस्लिम आबादी में बहुसंख्यक आबादी बरेलवियों की है, जो सूफी विचारधारा रखते हैं। बोले पश्चिम बंगाल का प्रत्येक जिले, तहसील और ब्लाक में बरेलवियों की मस्जिदें और मदरसे स्थापित हैं। इन्होंने बड़ी तादाद में ममता बनर्जी के चेहरे को देखकर वोट दिया है।
इसके बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कट्टरपंथी विचारधारा रखने वाले लोगों से क्यों घिरी हुई हैं, यह समझ से बाहर है। बंगाल के बरेलवी सूफी उलमा ने मुझसे अपना दर्द बयान किया और इसकी शिकायत की। मौलाना ने कहा कि इस संबंध में विचार विमर्श करके बहुत जल्द रणनीति बनाकर मसले का हल निकाला जाएगा।