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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः उत्तर प्रदेश की उर्वर भूमि में उपजा आम अब केवल स्वाद का प्रतीक नहीं, बल्कि प्रदेश की आर्थिक समृद्धि और वैश्विक पहचान का वाहक बन चुका है। योगी सरकार के प्रयासों से फलों का यह ‘राजा’ अब दोहा, सिंगापुर, बेल्जियम, इटली, कतर, रूस, ऑस्ट्रेलिया और ओमान जैसे देशों की रसोइयों तक पहुंच चुका है। इसी गौरवगाथा को जीवंत कर रहे आम महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में उल्लास और नवाचार के संगम के रूप में मनाया गया।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दीप प्रज्वलित कर महोत्सव के दूसरे दिन का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार किसानों के जीवन में समृद्धि लाने के लिए प्रतिबद्ध है। आम महोत्सव केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि किसानों के परिश्रम और नवाचार का उत्सव है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आम को सड़ने से बचाने के लिए दीर्घकालिक समाधान खोजने का आग्रह किया, ताकि आम के स्वाद का आनंद पूरे वर्ष लिया जा सके। महोत्सव में 800 से अधिक देशी, कलमी, संकर, प्रसंस्कृत और विदेशी प्रजातियों के आमों की भव्य प्रदर्शनी लगाई गई। उप मुख्यमंत्री ने इन विविध प्रजातियों का अवलोकन किया और आम उत्पादक लखीमपुर के हरप्रीत सिंह तथा बदायूं के अमरपाल सिंह को शॉल, प्रशस्ति पत्र और पौधे भेंट कर सम्मानित किया। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि जल्द ही जेवर एयरपोर्ट का संचालन प्रारंभ होगा, जिससे निर्यात लागत में भारी कमी आएगी। इसके पास बन रहा इंटीग्रेटेड टेस्टिंग पार्क किसानों को वैश्विक मानकों के अनुरूप उत्पाद तैयार करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि कागज की थैली तकनीक से आम की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। महोत्सव के दूसरे दिन प्रदर्शनी में विभिन्न जिलों से आए किसान, बागबान तथा स्कूली बच्चों, नागरिकों, माव जनप्रतिनिधियों द्वारा 800 से अधिक प्रदर्शों का अवलोकन किया गया। टॉमी एटकिन, अरुणिमा, आम्रपाली, योगी, मोदी अंबिका, पूसा पीतांबरा, आदि आम की किस्मों का को देख कर लोग अति उत्साहित दिखे तथा लगे स्टालों पर पहुंच कर आम के व्यंजनों और आम को चख कर रसास्वादन भी किया गया।
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