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प्रयागराज। यूपी के प्रयागराज में स्थित इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम हरिजन ने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को लेकर विवादित बयान दिया है. इसको लेकर उन्होंने बाकायदा ट्वीट भी किया है. विक्रम हरिजन की पोस्ट के बाद विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. उन्होंने विक्रम हरिजन के खिलाफ कर्नलगंज थाने में लिखित तहरीर दी. इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम हरिजन ने अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर लिखा कि ‘यदि आज प्रभु श्रीराम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने के लिए उनको मैं आईपीसी की धारा 302 के तहत जेल भेजता और यदि आज कृष्णा होते तो महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट के केस के लिए उनको भी मैं जेल में भेजता???’
इस पोस्ट को लेकर प्रोफेसर विक्रम हरिजन ने कहा कि मैंने कोई गलत पोस्ट नहीं किया. मैं किसी से माफी भी नहीं मांगूंगा. मैं एक मध्यकालीन इतिहास का टीचर हूं. मैं एक किताब पढ़ रहा था. उसमें कुछ चीजों को हमने पढ़ा. इसके बाद हमारे मन में जो बात आई, उसे हमने पोस्ट कर दिया. अब लोग मुझे जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं. मां-बहन की गालियां दे रहे हैं. मुझे जान का खतरा है. इसलिए मैं प्रयागराज छोडक़र दूसरे शहर चला आया हूं.
इसके अलावा, एक न्यूज चैनल से बातचीत में विक्रम ने कहा कि मैं गोरखपुर का रहने वाला हूं. बचपन में हम लोगों को यादव बिरादरी के लोगों ने बहुत परेशान किया. हमें उनके हैंडपंप पर पानी नहीं पीने दिया जाता था. मेरे पिता गोरखपुर छोडक़र पश्चिम बंगाल चले गए. वहां कुछ दिन बम बनाने का काम किया. इसके बाद कोयले की खदान में मजदूर की नौकरी मिल गई. इस समाज में हम बहुत सताए गए हैं, तो आखिर हम क्या बोलें? मुझे जान का खतरा है, इसलिए उच्चाधिकारियों से सुरक्षा की मांग करूंगा.’
चैनल में एक और विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा कि बचपन में हमें पता नहीं था कि सब्जी क्या होती है? हम सूअर खाकर बड़े हुए. हमारा घर यादव बहुल एरिया में है. यादवों ने हमारी बहन-बेटियों के साथ रेप किया और उल्टे हमसे ही माफी मंगवाते थे. इस समाज से मुझे बहुत नफरत है.
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