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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः उत्तर प्रदेश सर्वाधिक आबादी वाला प्रदेश है, यहाँ टी0बी0 उन्मूलन की दिशा में कार्य भी सर्वाधिक होना चाहिए। महिलाओं एवं बालिकाआंे में सर्वाइकल कैंसर और टीबी उन्मूलन की दिशा में कार्य करने के लिए एचपीवी टीकाकरण तथा टीबी रोगियों को गोद लेने की परंपरा की शुरुआत की गई। बेटियों के प्रति समाज की मानसिकता में सुधार होना चाहिए। बेटा-बेटी में कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। सभी आईएएस अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभाग के कर्मचारियो व अधिकारियों को भी टीबी मरीजों को गोद लेने व पोषण पोटली प्रदान करने का आह्वान किया, जिससे टीबी मुक्त भारत का सपना साकार हो सके। यह बातें प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता के दौरान कही।
इस अभियान के अन्र्तगत आज राजभवन में 74 टी0बी0 रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम को राज्यपाल ने वर्ष भर का सबसे उत्तम कार्यक्रम बताते हुए कहा कि किसी की जिंदगी को बेहतर बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि जनपद भ्रमण के कार्यक्रमों में भी टी0बी0 रोगियों को गोद लिया जाता है।
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इस क्रम में उन्होंने मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में अपने संस्मरणों को साझा करते हुए बताया कि वहाँ भी राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा टी0बी0 मरीजों को गोद लेने की परंपरा की शुरुआत उनके द्वारा की गई। राज्यपाल ने कहा कि टी0बी0 मरीजों को प्रदत पोषण पोटली सिर्फ उनके प्रयोगार्थ ही इस्तेमाल होना चाहिए तथा निक्षय मित्र गोद लिए बच्चों की शिक्षा पर भी ध्यान दें। राज्यपाल ने 17 सितंबर से 02 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा होने के अवसर पर राजभवन में विविध कार्यक्रमों के आयोजन किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सेवा को अपना स्वभाव बना लेना चाहिए। जब स्वभाव सेवा का होगा तो संस्कार स्वतः आयेगा। उन्होंने अनाज की बर्बादी रोकने तथा महिलाओं को पौष्टिक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों एवं स्वास्थ्य विभाग की भूमिका समाज को ज्ञानवान, स्वस्थ एवं शक्तिशाली बनाने में महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि जब तक भारत स्वस्थ नहीं होगा तब तक हम तेजी से आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने टीबी रोगियों को चिन्हित कर गोद लिए जाने की राज्यपाल की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इसका सभी राज्यों द्वारा अनुसरण किया गया और टीबी रोगियों को सुरक्षित जीवन प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों को चिन्हित करना एक चुनौती है तथा आशा वर्कर एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों के माध्यम से इन रोगियों का चिन्हिकरण कर एन.जी.ओ., अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधिगणों के माध्यम से उन्हें गोद लेकर टीबी उन्मूलन का एक बड़ा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पोषण सामग्री और प्रदत्त धनराशि को बच्चों के हित में प्रयोग करें। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने निक्षयमित्र परिकल्पना तथा टी0बी0 उन्मूलन के लिए किये जाने वाले प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में राजभवन के 38 अधिकारियों सहित लखनऊ में अवस्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा कुल 74 टी0बी0 रोगी गोद लिए गए व उन्हें पोषण पोटली प्रदान की गई। कार्यक्रम की शुरुआत में टी0बी0 मुक्त अभियान-संकल्प से सिद्धि तक पर वीडियो फिल्म का प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, राज्यपाल डाॅ. सुधीर महादेव बोबडे, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा उत्तर प्रदेश डाॅ. ब्रजेश सिंह राठौर, लखनऊ अवस्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, अधिकारी, कर्मचारीगण, राजभवन के समस्त अधिकारी व क्षय रोगी एवं उनके परिजन आदि उपस्थित रहे।