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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः उत्तर प्रदेश राज्य मंडी परिषद के नवनियुक्त निदेशक इंद्र विक्रम सिंह के कार्यभार ग्रहण करने के बाद, मंडी में विकास कार्यो को गति मिलने की उम्मीद दिखाई पड़ने लगी है। ज्ञात हो कि मंडी परिषद में काफी अर्से के बाद पूर्णकालिक निदेषक की नियुक्ति हुयी है,हलांकि उनके पास सचिव कृषि की भी जिम्मेदारी है। इससे पूर्व निदेषक पद का अतिरिक्त चार्ज प्रमुख सचिव कृषि के पास था। वहीं नवनियुक्त निदेषक इंद्र विक्रम सिंह केे पदभार ग्रहण बाद ताबड़तोड़ कई औचक निरीक्षण कर अपनी मंषा को साफ को कर दिया किया कि वह सिर्फ ऑफिस में बैठ कर फाइल करने तक ही सीमित नहीं हैं। अपनी मंषा को जाहिर करते हुये कहा कि विभाग के अधिकारियों को काम के प्रति ईमानदारी और समय सीमा के अंदर फाइलों का निस्तारण करना ही होगा। विभाग के कार्याे को गति मिले इसके लिए उन्होंने विभाग के जिम्मेदारों को 10-10 कामों को एक माह में पूर्ण करने का टारगेट भी दिया है। इन कामों में निर्माण कार्यो, बिल और भुगतान संबधी कार्य, जनषिकायत व आजीआरएस का निस्तारण, कोर्ट के मामले संबधी कार्य षामिल हैं। इन सभी कार्यो में प्राथमिकता के आधार पर 10-10 कार्यो को एक महीने में पूर्ण करने का अधिकारियों को लक्ष्य दिया है। वहीं मंडी निदेषक ने अपने कार्यभार ग्रहण के महज कुछ ही दिनों में लखनऊ की मंडियों, किसान बाजार, निर्माणधीन प्रोजेक्ट सहित अन्य जिलों मंे भी ताबड़तोड दौरे कर विकास कार्यो का जायजा लिया। इस दौरान निदेशक ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों और उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में मंडी परिषद निरंतर प्रयासरत है कि मंडियों में पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मंडी में इलेक्ट्रॉनिक तौल प्रणाली, डिजिटल भुगतान प्रणाली और आधुनिक भंडारण सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के सहयोग से मंडी परिषद के कार्यों में नए आयाम स्थापित किये जायेगे। श्री सिंह ने कहा कि राज्य मंडी परिषद की कृषि क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विभाग की प्राथमिकताओं और लक्ष्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना और मंडियों के संचालन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना उनकी प्राथमिकता में षामिल है।